साहिबगंज. शहर के आसपास की इलाके में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. चंद दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जिले के कई दियारा क्षेत्र में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. किशन प्रसाद पासवान टोला में चार वर्षीय बच्चे की पानी में डूब कर मौत हो गयी. वहीं कई मवेशियों के गंगा नदी के तेज धार में बह जाने की बात भी सामने आयी है. एक और जहां बाढ़ के कारण किसान परेशान हैं. वहीं दूसरी ओर प्रशासन से अब प्रभावितों की कोई सुधि नहीं लिये जाने से बेचैनी बढ़ गयी है. लगभग दर्जनों गांव के आठ सौ परिवार प्रभावित हैं. जिला परिषद उपाध्यक्ष सुनील यादव सोमवार को लगातार तीसरे दिन बाढ़ प्रभावित कारगिल देहरा, लाल बथानी, किशन प्रसाद समेत अन्य इलाकों का भ्रमण कर प्रभावितों की समस्याओं से रूबरू हुए. उनकी समस्याओं कर संभव समाधान करने का आश्वासन दिया. भ्रमण के क्रम में जिला परिषद उपाध्यक्ष सबसे पहले कारगिल दियारा स्थित बिन टोला, चौधरी टोला समेत अन्य कई बाद प्रभावित टोलों का भ्रमण कर वहां ग्रामीणों का हाल-चाल जाना. ग्रामीण अजय चोधरी, चंदन चौधरी ने बताया कि सबसे अधिक परेशानी मवेशियों के चारा को लेकर हो रही है. चारों ओर इलाका जलमग्न होने और इससे चारा नहीं मिलने से मवेशियों के जीवन पर संकट के बदले मंडराने लगा है. प्रभावित लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले चुके हैं. राहत के नाम पर 15 दिन पूर्व प्रशासन की ओर से तकरीबन दो से ढाई किलो चूड़ा और कुछ मात्रा में गुड़ उपलब्ध कराया गया था. प्रभावित क्षेत्र में बिजली कट गयी है. रात अंधेरे में गुजर रही है. मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध नहीं है.दवा और पीने के साफ पानी नहीं मिल पा रहा है. तिरपाल और अन्य राहत सामग्री से महरूम रखा गया है, उन लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि जायें तो जायें कहां. गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है. पूरा गांव टापू बन गया है.
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