कंस के अत्याचार को खत्म करने और धर्म की स्थापना के लिए हुआ था कृष्ण का जन्म : ब्रज किशोरी

तेतरिया गांव में बजरंगबली मंदिर व प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 11:00 PM

मंडरो. प्रखंड क्षेत्र के तेतरिया गांव में बजरंगबली मंदिर व प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरे वर्षगांठ पर पूजा संपन्न होने के बाद भागवत कथा का आयोजन कराया गया है, जहां वृंदावन से चलकर आयी पूजा ब्रज किशोरी ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव पर कथा वाचन किया. कथा में कहीं की भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. द्वापर युग में बढ़ रहे कंस के अत्याचारों को खत्म करने और धर्म की स्थापना के लिए उनका जन्म हुआ था. श्री कृष्ण के बचपन की कई लीला प्रचलित हैं. द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने मध्य रात्रि में जन्म लिया था. जन्म लेते ही सभी जगह प्रकाश हो गया था. जब वासुदेव कंस से बचाने के लिए कृष्ण को गोकुल लेकर जा रहे थे, तो अचानक से तेज बारिश होने लगी. यमुना के जल में लहरें उठने लगीं. पानी का स्तर अचानक से बढ़ने लगा, लेकिन कृष्ण के चरण स्पर्श करते ही यमुना का जलस्तर कम हो गया. वहीं शेषनाग ने कृष्ण पर छाया की. कृष्ण ने लोगों को कंस के अत्याचार से मुक्त कराया. इनके जन्म की कहानी बड़ी ही रोचक है.कंस ने अपनी बहन देवकी का विवाह धूमधाम से किया और खुशी से विवाह की सभी रस्मों को निभाया. जब बहन को विदा करने का समय आया तो कंस देवकी और वासुदेव को रथ में बैठाकर स्वयं ही रथ चलाने लगा. अचानक ही आकाशवाणी हुई कि देवकी का आठवां पुत्र ही कंस काल होगा, जबकी देवकी की कोई संतान होती तो कंस उसे मार देता इस तरह से कंस ने एक-एक करके देवकी की सभी संतानों को मार दिया. इसके बाद भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया. श्री कृष्ण के जन्म लेते ही कारागार में एक तेज प्रकाश छा गया. कारागार के सभी दरवाजे स्वतः खुल गये, सभी सैनिकों को गहरी नींद आ गयी. मौके पर पवन जायसवाल, कैलाश राय, पवी कुमार समेत अनलॉक भागवत कथा को सफल बनाने में जुटे हैं.

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