बरसात में होता है जलजमाव, आवागमन में होती है परेशानी, पेयजलापूर्ति को भी दुरुस्त करने की है जरूरत

वार्ड-2 की प्रोफेसर कॉलोनी में समस्याओं का अंबार, दूर करने की नहीं हो रही कोई प्रशासनिक पहल

By Prabhat Khabar News Desk | January 29, 2025 8:29 PM

बरहरवा. नगर पंचायत बरहरवा अंतर्गत वार्ड संख्या-दो के झिकटिया रोड, प्रोफेसर कॉलोनी, टीचर्स कॉलोनी सहित अन्य मुहल्लों में अब तक जो विकास होना था, वो नहीं हो पाया है. यहां के गली-मुहल्ले में कई समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हो सका है. वार्ड में करीब 2000 लोग रहते हैं. इस वार्ड की प्रोफेसर कॉलोनी के एक चौराहे में सालों भर नाले का पानी जमा रहता है. मुहल्ले में घरों से निकलने वाले पानी की निकासी नहीं हो पाने से कई वर्षों से यह समस्या बनी हुई है. स्थानीय मुहल्लेवासियों को बरसात में यहां 3-4 फीट तक जलजमाव की विकट परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ता है. उस स्थिति में बरसात के समय जब पानी जमा हो जाता है, तो तत्काल सहायता देने के लिये नगर पंचायत के द्वारा पम्पिंग सेट लगाकर बरसात का पानी बाहर निकाला जाता है. बरसात के समय इस मुहल्ले के लोगों को अपने जरूरी काम निबटाने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ती है. हालांकि, वर्तमान में विधायक निसात आलम की पहल पर जिले के अधिकारियों द्वारा यहां नाला निर्माण के लिये सर्वे किया गया है. यदि ससमय योजना धरातल पर उतरती है तो लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां नपं के द्वारा पेयजलापूर्ति की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी है. जिसके कारण गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है. वहीं, झिकटिया काली मंदिर के आसपास के लोगों ने बताया कि मंदिर के समीप एक तालाब है, जिसे कचरा डालकर भरा जा रहा है. खुले में कचरा फेंके जाने से यहां के लोगों को दुर्गंध का सामना तो करना पड़ ही रहा है. साथ ही साथ, बीमारी का भी खतरा सता रहा है. लोगों ने बताया कि यहां कई ऐसे भी मुहल्ले हैं, जहां सड़क के साथ नाली नहीं होने से गंदा पानी सड़क पर ही बहता है. नपं प्रशासन को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. वहीं, लोगों ने बताया कि कई मुहल्ले में बोरिंग सह पेयजलापूर्ति की भी व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता है. क्योंकि, बरहरवा जलापूर्ति योजना के तहत बिछाई गई पाईप से भी लाभ नहीं मिल रहा है. वार्ड में एक सोलर संचालित पानी टंकी व 3 स्थानों में बोरिंग सह पाइपलाइन की व्यवस्था की गयी है. लेकिन, ये व्यवस्था पर्याप्त नहीं है. वर्तमान समय में करीब एक करोड़ रूपये की लागत से मुंशी पोखर का सौंदर्यीकरण कार्य प्रगति पर है. पहले इस तालाब में मुहल्ले का गंदा पानी प्रवेश कर रहा था. लेकिन अब इसे स्वच्छ रखने का काम चल रहा है. आने वाले समय मे लोगों को इसका लाभ भी मिलेगा. समस्याओं पर एक नजर ■ वार्ड 2 की प्रोफेसर कॉलोनी में जलजमाव से लोग हलकान ■ बरसात में मुहल्ले में आने-जाने में होती है काफी परेशानी ■ कई मुहल्ले में है नाला निर्माण की आवश्यकता ■ गर्मी के दिनों में पेयजल की होती है परेशानी ■ मुहल्ले में बिजली के तारों को सुव्यवस्थित करने की है आवश्यकता ■ हर मुहल्ले में सोलर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात में होती है दिक्कत ■ नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं मुहल्ले के अधिकांश युवा

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