बरहरवा में रेल फाटक स्थायी रूप से बंद, लोगों का विरोध
बरहरवा में रेल फाटक स्थायी रूप से बंद, लोगों का विरोध
प्रतिनिधि, बरहरवा मालदा रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले बरहरवा के एलसी गेट नंबर-19 को मंगलवार को रेलवे अधिकारियों द्वारा स्थायी रूप से बंद कर दिया गया. यह कदम स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के बावजूद उठाया गया. अचानक रेल फाटक बंद किए जाने से बरहरवा के निवासियों में गहरा आक्रोश देखने को मिला. लोगों ने इस निर्णय पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह बिना किसी पूर्व सूचना के किया गया, जो पूरी तरह से अनुचित है. मंगलवार सुबह बरहरवा रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर ओम प्रकाश गुप्ता, आईओडब्ल्यू के इंजीनियर ललन कुमार, और आरपीएफ के स्वप्न मंडल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और गेट नंबर-19 एसपीएल/टी को बंद करवा दिया. इसके बाद फाटक के आसपास सूचना चिपकाकर बंद होने की जानकारी दी गयी. जब लोगों ने अधिकारियों से पूछताछ की, तो उन्हें बताया गया कि यह निर्णय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर लिया गया है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह रास्ता सौ साल से भी अधिक पुराना है और उनके दैनिक जीवन का हिस्सा है. लेकिन फाटक को बंद करने से उनके आवागमन और व्यवसाय पर गहरा असर पड़ेगा. स्थानीय व्यवसायियों की समस्याएं बढ़ीं रेलवे फाटक बंद होने से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र के व्यवसायी हुए हैं. स्थानीय दुकानदार रमेश, राजन, रोहित, और प्रभाकर ने बताया कि यह फाटक उनकी दुकानदारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण था. रोजाना सैकड़ों लोग इस फाटक से गुजरते थे, जिससे उनके कारोबार को बढ़ावा मिलता था. रेलवे द्वारा बनाए गए अंडरपास से केवल हल्के वाहन ही जा सकते हैं, जबकि मालवाहक गाड़ियों और एंबुलेंस के लिए यह रास्ता उपयोगी नहीं है. अब फाटक के बजाय 5-6 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा. बारिश के समय अंडरपास में पानी भर जाने से यह समस्या और गंभीर हो जाती है. क्षेत्र के किसानों का कहना है कि फाटक बंद होने से उनकी कृषि गतिविधियां भी बाधित होंगी. वे पहले ट्रैक्टर के माध्यम से धान और सब्जियां आसानी से बाजार तक ले जाते थे, लेकिन अब उन्हें लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा. इससे उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद होगा. जनप्रतिनिधियों ने दी प्रतिक्रिया फाटक बंद किए जाने की खबर सुनते ही पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि बरकत खान मौके पर पहुंचे. उन्होंने रेलवे अधिकारियों से बातचीत कर फाटक को बंद नहीं करने का अनुरोध किया. झामुमो के जिला कोषाध्यक्ष शक्तिनाथ अमन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी अधिकारियों को समझाने का प्रयास किया. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के फाटक बंद करना अनुचित है. विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि यह कदम स्थानीय व्यवसायियों और आम जनता के हितों के खिलाफ है. शक्तिनाथ अमन ने भी इस निर्णय को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि रेलवे को पहले जनता को सूचना देनी चाहिए थी. मौके पर निवर्तमान वार्ड पार्षद जितेंद्र कुमार, राजकुमार भगत, बालेश्वर कुशवाहा, मनोज साह के अलावे बरहरवा के दर्जनों लोग भी मौजूद थे.
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