राजमहल विधानसभा : सरकारें आयीं, गयीं, खास महाल का मुद्दा जस का तस, नहीं हुई ठोस पहल

साहिबगंज के अंचलाधिकारी रहे वीरेंद्र झा ने अपने कार्यकाल के दौरान ही यह पाया कि साहिबगंज किसी भी कीमत पर खास महल के अंतर्गत नहीं आ सकता है.

By Kunal Kishore | October 22, 2024 2:05 PM
an image

राजमहल विधानसभा क्षेत्र में यूं तो कई काम हुए हैं. मल्टी मॉडल टर्मिनल(बंदरगाह) बना, गंगा पर ब्रिज बन रहा है, सड़कों का जाल बिछा है. आधारभूत संरचना को लेकर कई योजनाओं पर काम हुआ भी और हो भी रहा है. लेकिन एक हम समस्या साहिबगंज जिले की है खास महाल की, वो आज तक समाप्त नहीं हो पाया है. अब तक कितनी सरकारें आयीं, गयीं लेकिन खास महाल का मुद्दा जस का तस है. हर चुनाव में खास महाल का मुद्दा उठता रहा है लेकिन समाधान की दिशा में ठोस पहल नहीं हुई.

खास महल का मुद्दा सरकारी फाइलों में दबकर रह गया

विधानसभा में कई बार आवाज भी उठी लेकिन खास महाल का मुद्दा आज भी सरकार और विभाग की फाइलों में ही दम तोड़ रही है. इसका खामियाजा साहिबगंज जिले की जनता भुगत रही है. क्योंकि खास महाल की समस्या अंग्रेजों के शासनकाल से ही स्थापित समस्या है. विधानसभा स्तर पर खास महल को समाप्त करने के लिए विशेष समिति का गठन किया गया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी लेकिन अभी भी समस्या यथावत है.

साहिबगंज के अंचलाधिकारी ने रिपोर्ट में कहा खास महल के अंतर्गत नहीं आ सकता

साहिबगंज के अंचलाधिकारी रहे वीरेंद्र झा ने अपने कार्यकाल के दौरान ही यह पाया कि साहिबगंज किसी भी कीमत पर खास महल के अंतर्गत नहीं आ सकता है. वीरेंद्र झा ने सेवानिवृत्ति के बाद इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन भी चलाया, जिसमें कई लोगों का सहयोग भी मिला जिसमें मुख्य नाम शहर के जाने-माने अधिवक्ता और समाज से भी ललित स्वदेशी का भी आता है. वर्तमान विधायक के द्वारा इस मुद्दे के समाधान को लेकर कई बार आश्वासन भी दिया गया बावजूद इसके किसी भी राजनीतिक दलों ने ठोस रूप से इस समस्या के समाधान की दिशा में पहल नहीं की और परिणाम के साहिबगंज शहर आज भी खास महल की समस्या से जूझ रहा है.

राजमहल विधानसभा : सरकारें आयीं, गयीं, खास महाल का मुद्दा जस का तस, नहीं हुई ठोस पहल 3

उच्च शिक्षा के लिए अच्छा संस्थान नहीं खुल पाया

इस विधानसभा क्षेत्र का अहम मुद्दा उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं होना भी है. सिर्फ कॉलेज है लेकिन झारखंड बने 24 साल हो गये साहिबगंज जिले में एक उच्च शिक्षा संस्थान नहीं खुल पाया है. इंजीनियरिंग कॉलेज हो या मेडिकल कॉलेज जैसे तकनीकी संस्थान भी नहीं खुल पाया है.

शहरी क्षेत्र में स्वच्छता मुद्दा, सड़कों की हालत खास्ता

राजमहल विधानसभा में साहिबगंज शहर प्रमुख है. लेकिन शहर में स्वच्छता का मुद्दा भी अहम है. क्योंकि छोटे से शहर में स्वच्छता का अभाव है. जितनी भी शहर की सड़कें हैं मुख्य सड़क को छोड़ सभी खास्ता हाल हैं. वो चाहे शहरी जलापूर्ति योजना की भेंट भले ही चढ़ गया हो लेकिन बदसूरत हो गयी हैं सड़कें.

Also Read: Rajmahal Vidhan Sabha: चुनाव प्रचार करने के लिए परमेश्वर मोदी ने का निकाला था अनूठा तरीका, साथ रखते थे सत्तू और मूड़ी

Also Read: Jharkhand Election 2024: राजमहल विधानसभा क्षेत्र में BJP का रहा है दबदबा, इस नेता ने 18 वर्षों तक किया राज

Exit mobile version