विकास जायसवाल, बरहरवा राजमहल अनुसूचित जनजाति लोकसभा क्षेत्र 01 (आरक्षित) से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विजय हांसदा ने हैट्रिक जीत दर्ज की है. राजमहल संसदीय क्षेत्र से हैट्रिक जीत लगाने वाले विजय हांसदा दूसरे सांसद हैं. इससे पहले ईश्वर मरांडी ने हैट्रिक जीत दर्ज की है. 2014 से लेकर विजय हांसदा जीतते आ रहे हैं. विजय हांसदा तीसरी बार विजयी रथ पर सवार होकर दिल्ली लोकसभा पहुंच गये हैं. पूरे प्रदेश व देश में मोदी लहर रहने के बाद भी राजमहल लोकसभा सीट पर कोई खास असर नहीं दिखा. राजमहल संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा आते हैं, जिनमें से अभी सिर्फ राजमहल विधानसभा में भाजपा के विधायक हैं. बोरियो से झामुमो, बरहेट से झामुमो, लिट्टीपाड़ा से झामुमो, महेशपुर से झामुमो व पाकुड़ से कांग्रेस के विधायक निर्वाचित हैं. ऐसे में सत्ता दल के सभी विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जोरदार तरीके से मेहनत की. इंडिया गठबंधन की जीत दर्ज करने में मतदाताओं को एकजुट किया. आदिवासी और मुस्लिम मतदाताओं के इलाके में विजय हांसदा को बंपर वोटिंग मिला, उनके वोट कटने की उम्मीद लगायी जा रही थी, उनका वोट नहीं कटा व फिर से मतदाताओं के पसंदीदा बने और हर बूथ पर उन्हें अच्छी वोट प्राप्त हुआ है. मतगणना शुरू होते ही विजय हांसदा ने प्रथम राउंड से ही बनायी बढ़त राजमहल लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विजय हांसदा एवं भाजपा के प्रत्याशी ताला मरांडी के बीच शुरू से ही कांटे की टक्कर रही. मतगणना जैसे ही शुरू हुआ, उसके बाद से ही विजय हांसदा लगातार बढ़त बनाते गये. विजय हांसदा को कमोबेश हर बूथ पर अच्छी खासी वोट मिली है. जिसका नतीजा यह हुआ कि वह शुरू से ही बढ़त बनाते गये और मतगणना के परिणाम तक काफी बढ़त बनायी और उनकी जीत सुनिश्चित हुई. वहीं, विजय हांसदा भी अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त थे, लेकिन वे अपने घर से मतगणना स्थल पर मौजूद कार्यकर्ताओं को मतगणना पर पूरी नजर बनाये रखने का निर्देश देते रहे. विजय ने अपने पिता से सीखा राजनीति का गुण विजय के पिता थॉमस हांसदा क्षेत्र के लोकप्रिय नेता माने जाते हैं. उन्हें शेर-ए-संथाल का तमगा भी हासिल है. उन्हीं की राजनीतिक पिच पर बैटिंग करते हुये विजय हांसदा ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है. साथ ही पिता से मिली विरासत को संभालते हुये लगातार आगे बढ़ा रहे हैं. बताते चलें कि थॉमस हांसदा पहली बार 1978 में पंचायत समिति बरहरवा के अध्यक्ष निर्वाचित हुये. उसके बाद 1980 से 90 तक बिहार विधानसभा में विधायक रहे. 1985 एवं 90 के बीच मद्य एवं निषेध मंत्री भी रहे. 1994 से 96 तक बिहार विधानसभा में एमएलसी भी रहे. फिर 1996 में वे लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुये. अब तक राजमहल से निर्वाचित सांसद के नाम 1957- पाइका मुर्मू – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1962 – ईश्वर मरांडी – झारखंड पार्टी 1967- ईश्वर मरांडी – झारखंड पार्टी 1971 – ईश्वर मरांडी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1977 – एंथोनी मुर्मू – जनता पार्टी 1980- सेत हेंब्रम – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1984 – सेत हेंब्रम – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1989 – साइमन मरांडी – झारखंड मुक्ति मोर्चा 1991- साइमन मरांडी – झारखंड मुक्ति मोर्चा 1996 – थॉमस हांसदा – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1998 – सोम मरांडी – भारतीय जनता पार्टी 1999 – थॉमस हांसदा – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 2004 – हेमलाल मुर्मू – झारखंड मुक्ति मोर्चा 2009 – देवीधन बेसरा – भारतीय जनता पार्टी 2014 – विजय हांसदा – झारखंड मुक्ति मोर्चा 2019 – विजय हांसदा – झारखंड मुक्ति मोर्चा
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