राजमहल विधानसभा सीट से BJP लगा चुकी है हैट्रिक, जानें अबतक की हिस्ट्री

Rajmahal Vidhan Sabha Seat: राजमहल विधानसभा सीट में 2009 से लगातार बीजेपी बाजी मार रही है. कांग्रेस नेता थॉमस हंसदा ने आखिरी बार 2005 में जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन तब से विपक्ष के हाथ नाकामी लगी है.

By Kunal Kishore | October 24, 2024 10:05 AM

Rajmahal Vidhan Sabha Seat|Jharkhand Assembly Election 2024|झारखंड गठन के बाद राज्य का एक नंबर विधानसभा के रूप में जाना जाने वाला राजमहल विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है. झारखंड बनने के बाद केवल एक बार ही कांग्रेस को इस क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ है.

झारखंड गठन के बाद राजमहल विधानसभा से पहली बार चुन कर आए थॉमस

थॉमस हांसदा राजमहल लोकसभा और विधानसभा दोनों का ही प्रतिनिधित्व किया. झारखंड बनने के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव 2005 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने तत्कालीन विधायक अरुण मंडल का टिकट काटकर कमल कृष्ण भगत को अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राज्य के दिग्गज नेता थॉमस हांसदा को मैदान में उतारा, जबकि अरुण मंडल भाजपा से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ गये. परिणाम हुआ कि राज्य बनने के बाद जो पहला चुनाव हुआ उसमें बीजेपी को शिकस्त का मुंह देखना पड़ा. कांग्रेस के थॉमस हांसदा ने इस चुनाव में जीत दर्ज की और अरुण मंडल तीसरे स्थान पर रहे. यह चुनाव कई मायने में दिलचस्प रहा, क्योंकि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी दो खेमे में बंटी दिखाई पड़ी. भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता जहां कमल कृष्ण भगत के पक्ष में चुनाव प्रचार में उतर गये थे, वहीं निवर्तमान विधायक अरुण मंडल के समर्थन में भी भाजपा का एक धरा काम कर रहा था. परिणाम यह हुआ कि भाजपा के वोट बंट गए और कांग्रेस प्रत्याशी को जीत मिली.

राजमहल विधानसभा सीट बिहार को दे चुका है सीएम

झारखंड बनने के पूर्व राजमहल विधानसभा क्षेत्र ने दो वर्ष के लिए बिहार का मुख्यमंत्री भी दिया. 1957 और 1962 में राजमहल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस के विधायक विनोदानंद झा बिहार के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं. एकीकृत बिहार में राजमहल विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे विनोदानंद झा राज्य ही नहीं राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी अच्छी पकड़ बनाये हुए थे. बाद में थॉमस हांसदा का नाम भी बड़े नेताओं में शुमार रहा है.

राजमहल क्षेत्र की प्रमुख मुद्दे

मुद्दों की अगर बात की जाये तो ज्यादातर चुनाव यहां जातिगत और धार्मिक आधार पर ही सीमित रह जाते हैं. परिणाम भी इसी के अनुकूल तय होता है. परंतु राजमहल और साहिबगंज में गंगा पर पुल, खासमहाल के साथ-साथ बाढ़ और कटाव भी यहां की प्रमुख मुद्दों में शामिल रहा है. इन तमाम मुद्दों के बावजूद चुनाव परिणाम पर धार्मिक भावनाएं हावी रही हैं. वर्तमान में इस क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के अनंत ओझा पिछले दो बार से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

राजमहल विस में अब तक प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक

वर्षविजयी विधायकपार्टी
1952 मोहम्मद बुरहानुद्दीन खान
जेठा किस्कू (राजमहल दामिन निर्वाचन क्षेत्र)
कांग्रेस    
1957 विनोदानंद झा कांग्रेस
1962 विनोदानंद झा कांग्रेस
1967 एन डोकानिया              स्वतंत्र पार्टी
1969 ओम प्रकाश रॉय भारतीय जनसंघ
1972 नाथमल डोकानिया कांग्रेस
1977 ध्रुव भगत              स्वतंत्र
1980 ध्रुव भगत              भारतीय जनता पार्टी
1985 ध्रुव भगत भारतीय जनता पार्टी
1990 रघुनाथ प्रसाद सोडाणी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1995 ध्रुव भगत              भारतीय जनता पार्टी
2000 अरुण मंडल

झारखंड गठन के बाद

वर्षविजयी विधायकपार्टी
2005 थॉमस हंसदा कांग्रेस
2009 अरुण मंडल भारतीय जनता पार्टी
2014 अनंत कुमार ओझा             भारतीय जनता पार्टी
2019 अनंत कुमार ओझा            भारतीय जनता पार्टी

वर्तमान विधायक अनंत ओझा के हैं अपने दावे

विधायक अनंत ओझा विकास के कामों को गिनाते हुए कहते हैं कि साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा पुल निर्माण, बंदरगाह का निर्माण, गदाई दियारा में बिजली पहुंचाने, नमामि गंगे के तहत कई घाटों का निर्माण, उधवा नाला का जीर्णाेद्धार, गांव में शौचालय, स्कूल, सडक, पानी टंकी, गोबर गैस प्लांट लगे. हवाई अड्डा बनाने की पहल हो रही है. भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण साहिबगंज जिला में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना करने में विलंब हो रहा है. राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव को पत्र लिखकर भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गयी है. अपने कार्यकाल में छात्रों के हित में पॉलिटेक्निक कॉलेज, महिला कॉलेज, राजमहल में मॉडल डिग्री कॉलेज, करोड़ों की लागत से राजमहल में बहुउद्देशीय परीक्षा भवन बना, जहां हजारों छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वहीं मेडिकल कॉलेज और लॉ कॉलेज, ज़िला में यूनिवर्सिटी स्थापित कराने को लेकर विधानसभा में कई बार उठा चुका हूं.

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राजमहल में बुनियादी समस्याएं अभी भी बरकरार : एम टी राजा

राजमहल विधानसभा क्षेत्र से तीन बार चुनाव लड़ चुके झामुमो नेता एमटी राजा का मानना है कि विधानसभा क्षेत्र में अभी भी कई बुनियादी समस्याएं बरकरार है. इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. राजमहल से मानिकपुर गंगा नदी पर पुल निर्माण राजमहल क्षेत्र के लोगों की पुरानी मांग है. इस पर स्थानीय विधायक द्वारा इस पर किसी भी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया. साहिबगंज में खासमहाल की समस्या के साथ-साथ दियारा क्षेत्र की जमीन का सर्वे यहां की प्रमुख समस्या है. राजमहल विधानसभा क्षेत्र में चांय जाति की बहुलता है, ऐसे में चांय जाति को एससी एसटी का दर्जा मिले यह मांग भी काफी पुरानी मांग है. साहिबगंज शहर की अगर बात करें तो यहां फ्लाईओवर न केवल समय की मांग है बल्कि लोगों की जरूरत भी है. एनएच 80 का हाल सबसे ज्यादा बुरा है.

फ्लैश बैक

2009 विस चुनाव परिणाम

उम्मीदवारपार्टीवोट
अरूण मंडलबीजेपी51272
एमटी राजाझामुमो40874
थॉमस हांसदा कांग्रेस 14782

2014 विस चुनाव परिणाम

उम्मीदवारपार्टीवोट
अनंत कुमार ओझाबीजेपी77481
एमटी राजाझामुमो76779
बजरंगी यादव निर्दलीय 18866

2019 विस चुनाव परिणाम

उम्मीदवारपार्टीवोट
अनंत कुमार ओझाबीजेपी88904
एमटी राजाआजसू76532
केताबुददीन शेख झामुमो 24619  

क्षेत्र के लोगों के मुद्दे

सिंचाई : राजमहल विधानसभा में राजमहल, साहिबगंज सदर, उधवा प्रखंड में सिंचाई की व्यवस्था गंगा पर निर्भर है. कुआं व नल सूख जाते हैं. लेकिन पानी नहीं आ रहा है. सिंचाई के लिये बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत है.

जर्जर सड़क : राजमहल विधानसभा क्षेत्र के एनएच 80 सहित कई सड़क काफी जर्जर हैं. पिछले कई सालों से इस सड़क पर चलना मुश्किल है. हर दिन दुर्घटना हो रही है. इस सड़क की मरम्मत नहीं होने से क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है.

कल कारखाना नहीं : यहां कोई भी बड़ा कल-कारखाना नहीं है. पिछले कई सालों से बड़े कल कारखानों की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है. यहां के लोग रोजगार के लिये दूसरे राज्य में पलायन करते हैं.

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