झारखंड राजभाषा साहित्य अकादमी के तत्वावधान में वाल्मीकि जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन

''रामायण'' मानवीय आदर्श का मार्गदर्शक एवं मानवीयता का पथ प्रदर्शक महाकाव्य है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 17, 2024 10:57 PM

साहिबगंज. झारखंड राजभाषा साहित्य अकादमी के तत्वावधान में वाल्मीकि जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन गुरुवार को प्रगति भवन के सभागार में किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी और अंगिका के साहित्यकार अनिरुद्ध प्रभाष ने किया. मुख्य अतिथि के रूप में श्वेता सुमन शिक्षिका रेलवे उच्च विद्यालय साहिबगंज उपस्थित संगोष्ठी का विषय प्रवेश करते हुए झारखंड राजभाषा साहित्य अकादमी के सचिव सच्चिदानंद ने कहा कि महाकवि वाल्मीकि विरचित महाकाव्य ””””रामायण”””” मानवीय आदर्श का मार्गदर्शक एवं मानवीयता का पथ प्रदर्शक महाकाव्य है. यह भारतीय संस्कृति और संस्कार का साक्षात विग्रह है. अपने संबोधन में अनुरोध प्रभाष ने कहा कि राम रामायण महाकाव्य के नायक है. सामाजिक कार्यकर्ता गरिमा कुमारी ने कहा कि कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से हमारी संस्कृति और मूलभूत आज की पीढ़ी के लिए आवश्यक है. श्वेता सुमन शिक्षिका ने कहा कि वाल्मीकि रामायण राम के उद्धत चरित्र का व्यापक चित्रण करता है एवं मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रूप में स्थापित करता है. आचार्य शिवबालक राय द्वारा विरचित ””””रामायण”””” पर प्रकाशित प्रसिद्ध पुस्तक वाल्मीकि “रामायण एक काव्यानुशीलन ” वाल्मीकि रामायण को समझने के लिए आवश्यक पुस्तक इसका अध्ययन सबको करना चाहिए. हिंदी साहित्य की लेखिका सरिता तिवारी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से समाज एवं पारिवारिक संबंधों का नया आयाम स्थापित होगा. प्रसिद्ध कलाकार अमृत प्रकाश ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम प्रत्येक भारतीय का आदर्श है. इसका व्यापक स्वरूप वाल्मीकि द्वारा रचित महाकाव्य रामायण में दृष्टिगोचर होता है. संगोष्ठी को शिक्षक स्नेह शंकर, विमल मुर्मू, उपेंद्र कुमार राय, भोला पासवान, शंकर शर्मा ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन राजेश कुमार तांती ने की.

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