राजमहल की पहाड़ियों में बसेगा पर्यटन का नया अध्याय, जल्द बनेगा रोप-वे
राजमहल की पहाड़ियों में बसेगा पर्यटन का नया अध्याय, जल्द बनेगा रोप-वे
प्रतिनिधि, बरहेट राजमहल, अपनी खूबसूरत पहाड़ी वादियों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए हमेशा से सैलानियों का मुख्य आकर्षण रहा है. अब इस क्षेत्र को पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक विकसित करने के लिए एक बड़ी पहल की जा रही है. झारखंड पर्यटन विभाग की ओर से शिवगादी धाम और बिंदुधाम मंदिर तक रोप-वे की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है. 22 जुलाई 2024 को, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट में किताझोर ग्रिड का शिलान्यास करते हुए सिंगा मैदान से शिवगादी धाम और बिंदुधाम मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने शिवगादी धाम में रोप-वे के निर्माण की बात भी कही थी. इसके बाद पर्यटन विभाग ने तेजी से कार्यवाही शुरू की. तत्कालीन पर्यटन मंत्री मिथिलेश ठाकुर और विभागीय सचिव अंजली यादव के निर्देशन में एक टीम ने शिवगादी धाम का दौरा किया और इसके विकास की योजना बनायी. अब, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और वर्तमान पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने इस परियोजना पर चर्चा की है. पर्यटन मंत्री ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने और कागजी प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. यह उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2025 तक रोप-वे परियोजना की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इससे न केवल धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी, बल्कि सैलानी इस क्षेत्र की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का भी लुत्फ उठा सकेंगे. शिवगादी धाम और बिंदुधाम मंदिर, देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की रचनात्मकता का अद्भुत उदाहरण हैं। पहाड़ियों की गोद में बसे इन मंदिरों का दृश्य अद्वितीय और आकर्षक है. यहां हर साल झारखंड और आसपास के राज्यों से हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. बाबा गाजेश्वरनाथ के दर्शन के लिए बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल रहते हैं. रोप-वे बनने से इन स्थलों तक पहुंचना न केवल सरल होगा, बल्कि लोग यहां की सुरम्य वादियों और प्राकृतिक छटाओं का भी आनंद ले सकेंगे. यह परियोजना न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी सहायक होगी. राजमहल की पहाड़ियों में रोप-वे के निर्माण से झारखंड का पर्यटन क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा. यह परियोजना सैलानियों के लिए एक अनोखा अनुभव साबित होगी और क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मददगार होगी.
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