शालिग्राम की हत्या के चार अभियुक्त गिरफ्तार, कट्टा और बाइक बरामद
शालिग्राम हत्याकांड का खुलासा: लूट में कामयाब नहीं होने पर मारी थी गोली
साहिबगंज. जिले के बहुचर्चित व्यवसायी शालिग्राम मंडल हत्याकांड का पुलिस ने 49 दिनों के लंबे प्रयास के बाद सफलतापूर्वक खुलासा कर लिया है. पुलिस ने उक्त हत्याकांड के साथ एक अन्य लूटकांड मामले का उद्भेदन किया है. शालिग्राम की हत्या के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने उनके पास से एक देसी कट्टा, तीन मोबाइल फोन और तीन मोटरसाइकिल बरामद की हैं. सोमवार को एसपी अमित कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ विमलेश त्रिपाठी और एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गयी थी. कार्रवाई के दौरान इन्ताज अंसारी (साकिन तलबाडिया, थाना रांगा), सकल सोरेन (साकिन दुर्गापुर, थाना तीनपहाड़), लखन टुडू (साकिन बड़ा दुर्गापुर, थाना तालझारी) और ठाकुर सोरेन (साकिन वृंदावन सड़क टोला, थाना तीनपहाड़) को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हत्या और लूट की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की. उनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया देसी कट्टा, तीन मोटरसाइकिल और तीन मोबाइल फोन बरामद किये गये. इसके अलावा, 30 अक्टूबर 2024 को रांगा थाना क्षेत्र में 1 लाख 44 हजार रुपये की लूट के मामले में भी इनकी संलिप्तता का खुलासा हुआ है. पुलिस ने दोनों मामलों का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. प्रेस वार्ता में एसपी ने बताया कि आरोपियों का मकसद लूट करना था. उन्हें सूचना मिली थी कि शालिग्राम मंडल के पास बड़ी रकम है. जब वे रुपयों से भरा बैग छीनने में असफल रहे, तो गुस्से में लखन टुडू ने गोली चला दी. घटना का मास्टरमाइंड: सकल सोरेन हत्या और लूट की साजिश का मास्टरमाइंड सकल सोरेन था. उसने अपने साथियों को इकट्ठा कर घटना को अंजाम देने की योजना बनाई. पुलिस ने खुलासा किया कि सकल सोरेन पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर लूटपाट से जुड़े हुए हैं. लखन टुडू ने चलायी थी गोली एसपी ने बताया कि लखन टुडू ने ही गोली चलाई थी. घटना वाले दिन इन्ताज मोटरसाइकिल चला रहा था और लखन टुडू पीछे बैठा था. जब शालिग्राम मंडल ने बैग देने से इनकार किया, तो गुस्से में लखन ने गोली चला दी. सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की गहन जांच से पुलिस को अहम सुराग मिले. आरोपियों ने सीसीटीवी कैमरों की अनुपस्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की थी, लेकिन जांच में यह बात सामने आयी कि घटना के बाद इन्ताज ने मोटरसाइकिल चलाते हुए अपनी जैकेट से चेहरा ढंक रखा था. पुलिस को यह संदिग्ध लगा, और यहीं से जांच की दिशा बदली. इन्ताज की गिरफ्तारी बनी बड़ी कड़ी घटना के चौथे दिन इन्ताज ने अपना सिम कार्ड बदल लिया था, जिससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया. मोटरसाइकिल की पहचान और उससे जुड़े सुरागों ने पुलिस को आरोपियों तक पहुंचा दिया. इन्ताज की गिरफ्तारी के बाद पूरी साजिश का खुलासा हुआ और बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के लिए चल रही छापेमारी में राजमहल थाना प्रभारी का पैर फिसलने से चोट लग गई. एक्सरे जांच में उनके पैर में हेयरलाइन फ्रैक्चर पाया गया है. पुलिस की इस कार्रवाई से जिले के दो बड़े मामलों का पर्दाफाश हुआ है. छापेमारी दल में शामिल पुलिस पदाधिकारी छापेमारी दल में एसडीपीओ विमलेश कुमार त्रिपाठी, एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल, रूपक कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक श्यामलाल हंसदा, राजमहल थाना प्रभारी रोहित कुमार, बरहेट थाना प्रभारी पवन कुमार, बरहरवा थाना प्रभारी सुमित कुमार सिंह, राजमहल थाना प्रभारी गुलाम सरवर, एसआई गुलशन कुमार, अभिषेक कुमार सहित कई पुलिसकर्मी शामिल थे.
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