सिदो-कान्हू की जयंती पर विदीन समाज के लोगों ने जाहेरथान में की पूजा-अर्चना
बंगाल, बिहार व ओडिशा से करीब 20 हजार लोग पहुंचे, धर्मगुरुओं के द्वारा पौराणिक कथाएं सुनी
बरहेट. सिदो-कान्हू की जयंती पर प्रखंड क्षेत्र के रांगा मैदान स्थित जाहेरथान में विदीन समाज के लोगों ने पूजा-अर्चना की. झारखंड, बंगाल, बिहार व ओडिशा से करीब 20 हजार की संख्या में विदीन समाज के लोग जयंती पर पहुंचे. जहां जाहेरथान में विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद अपने-अपने घर की ओर रवाना हुये. इससे पूर्व बुधवार को शहीद स्थल में पूजा-अर्चना तथा परिक्रमा करने के बाद रैली की शक्ल में विदीन समाज के लोग एक रैली की शक्ल में रांगा मैदान स्थित जाहेरथान पहुंचे. जहां पूजा-अर्चना करने के बाद स्थानीय कमेटी की ओर से पूस के बनाये गये आकर्षक मांझी थान में अपने-अपने धर्मगुरुओं के द्वारा पौराणिक कथाएं सुनी तथा सुविचार ग्रहण किये. मांझी थान में मौजूद एक धर्मगुरु अभिराम हेब्रम ने कहा कि सिदो-कान्हू की जयंती पर जाहेरथान में उनकी पूजा-अर्चना की जाती है तथा रात्रि में सिदो-कान्हू के विचार, उनके दृढ़ विश्वास तथा उनके क्रांतिकारी स्वरूप का बखान कर लोगों को सन्मार्ग पर चलने को प्रेरित किया जाता है. उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हू को हम आदिवासी समाज के लोग भगवान के रूप में पूजते हैं. हम सभी उनके उपासक हैं और वे हमारे भगवान हैं. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई तथा हजारों आदिवासी समाज के लोगों को साथ लेकर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी. उन्होंने तीर-धनुष के सहारे यहां के लोगों को अंग्रेजों से मुक्ति दिलायी. वे सदा प्रकृति की रक्षा करते रहे.