पटवन के दौरान हुई हिंसक झड़प, सौतेला भाई व भतीजे बने खून के प्यासे
गुस्से में सुलगती आग ने एक परिवार का पूरा आशियाना ही मिटा डाला.
साहिबगंज. गुस्से में सुलगती आग ने एक परिवार का पूरा आशियाना ही मिटा डाला. इससे पिता की तो मौत हो ही गयी है तो वहीं तीन भाई सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज दो अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. खूनी संघर्ष जमीन विवाद से शुरू हुई थी. विवाद पिछले कई महिनों से चल रहा था, जिसे सुलझाने का कई बार प्रयास किया गया. बताया जाता है कि कुछ दिनों पूर्व बाबूपुर पंचायत के सरपंच राज नारायण मंडल व हाजीपुर के मुखिया सहित ग्रामीणों के बीच एक बैठक हुई थी, जहां पर काफी हुज्जत के बाद तीनों भाइयों में छह बीघा जमीन दो-दो बीघा के हिसाब से बंटवारा कर दिया गया था. यहां तक सब कुछ ठीक चल रहा था. आपस में मिल्लत की बातें भी शुरू हो गई थी. लोगों ने यह भी तय कर लिया था कि बस अब एक समझौतानामा बनाकर दोनों पक्ष उसमें हस्ताक्षर करेंगे और एक दूसरे के ऊपर किए गए मुकदमे को भी समाप्त कर लिया जाएगा, लेकिन होने को कुछ और ही मंजूर थी. जमीन का भले ही बंटवारा हो गया हो, लेकिन आपस में मिल्लत नहीं हुई थी. बुधवार की शाम भूप नारायण रजक अपने खेत में पटवन कर रहे थे. खेत का पानी दिलीप रजक व मुकेश रजक के खेत में जा रहा था. इसी बात को लेकर एक तरफ दिलीप और मुकेश अपने पुत्रों के साथ, दूसरी तरफ भूप नारायण अपने पुत्र के साथ थे. सभी लोगों में कहासुनी शुरू हुई और धीरे-धीरे बात गाली गलौज पर उतर आयी. मामला कुछ ही देर में लड़ाई झगड़ा पर पहुंच गया. इस दौरान लड़ाई झगड़ा बहुत ज्यादा नहीं हुई थी. आसपास के लोगों को जब इस बात की खबर मिली तो दोनों पक्षों को समझा बूझकर मामला शांत कर दिया गया था, लेकिन एक तरफ गुस्से की आग सुलग रही थी. वायु गुरुवार की सुबह करीब 7:00 बजे तक दीवाना था. आधे दर्जन लोग मिलकर भूप नारायण के परिवार पर हमला कर दिया. मौके पर ही भूप नारायण की हत्या कर दी गयी, जबकि उनके तीन बेटे व पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया. सौतेले भाइयों में था पुरानी विवाद स्वर्गीय रामविलास रजक ने पहली पत्नी से शादी की उनसे उन्हें पहले पुत्र भूप नारायण प्राप्त हुए. किसी कारणवश उनकी पहली पत्नी की मौत हो गयी. इसके बाद उन्होंने दूसरी शादी की, जिससे उन्हें दो पुत्र की प्राप्ति हुई, जिनका नाम दिलीप रजक व मुकेश रजक था. शुरुआती दौर में सभी परिवार आपस में मिलजुल कर ही रहा करते थे. एक खेती करते और अपना जीवन ज्ञापन करते थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बितता गया वैसे-वैसे सौतेलापन की दीवार भी उनके बीच बढ़ती जा रही थी. एक वक्त ऐसा आया कि मामला बड़ा विवाद में तब्दील हो गया. आरोपी के घर ग्रामीणों ने तोड़-फोड़ का किया प्रयास साहिबगंज. आरोपी के घर ग्रामीणों ने तोड़-फोड़ करने का भी प्रयास किया लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने फौरन एक्शन लिया और भीड़ को नियंत्रित करते हुए लोगों को आरोपी के घर से बाहर हटाया. साथ ही हिदायत दी कि इस प्रकार की कोई भी कार्य न करें, जिससे अन्य कोई कार्रवाई की अनुशंसा बन जाए.
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