छठ पर्व पर आसान नहीं होगा गंगा घाट पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना
शहर के गंगा छठ घाटों की स्थिति काफी दयनीय
साहिबगंज. दीपावली के छह दिन बाद आयोजित होने वाले लोक आस्था का महापर्व सूर्य षष्ठी व्रत का शुभारंभ पांच नवंबर को होने जा रहा है. पांच नवंबर को नहाये खाये के साथ ही छठ पर्व की शुरुआत हो जायेगी. छठ पर्व का बिहार झारखंड में बहुत अधिक महत्व है. जहां अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ के साथ उदीयमान सूर्य की भी पूजा की जाती है. साहिबगंज में ज्यादातर व्रती गंगा के तट पर जाकर ही सूर्य षष्ठी व्रत की आराधना करती हैं. शहर में मुख्य रूप से चंदन घाट, ओझा टोली घाट, मुक्तेश्वर धाम बिजली घाट, शकुंतला सहाय घाट, शीतला मंदिर घाट एवं शोभापुर भट्ठा घाट पर छठ व्रत को लेकर भीड़ उमड़ती है. इस वर्ष गंगा नदी में दोबारा बाढ़ आने के कारण गंगा का तटीय क्षेत्र की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. ओझा टोली घाट और मुक्तेश्वर धाम घाट को छोड़ दें तो बाकी छठ घाटों की स्थिति काफी दयनीय है. अन्य घाटों में केवल शकुंतला सहायक घाट ही नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत पड़ता है, जहां नगर परिषद की ओर से थोड़ी बहुत व्यवस्था की संभावना दिखाई पड़ती है. शीतला मंदिर घाट और शोभापुर भट्ठा घाट ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने के कारण यहां नगर परिषद की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जाती है और ना ही अंचल या प्रखंड कार्यालय से ही कोई व्यवस्था होती है. अभी हाल तक नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी. इसके कारण इन घाटों की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. ऐसे में इस वर्ष व्रत करने वाले के लिए गंगा में उतरकर सूर्य की आराधना करना खतरे से खाली नहीं होने वाला है. प्रशासन के सामने इस वक्त धार्मिक आस्था के साथ चुनाव भी बड़ी समस्या है. बीते दिनों नगर परिषद के प्रशासक अभिषेक कुमार द्वारा विभिन्न घाटों का निरीक्षण भी किया गया. सिटी मैनेजर वीरेश कुमार ने बताया की पर्व के पूर्व छठ घाटों की व्यवस्था में सुधार लायी जायेगी.
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