नागराज साह, बरहेट
कुपोषण की समस्या ने बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला है. इसे जड़ से मिटाने के लिए सरकार की पोषण वाटिका योजना एक कारगर कदम साबित होगी. जिले के सभी 1,688 सरकारी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका विकसित की जायेगी. इन वाटिकाओं में ताजी सब्जियां और फल उगाए जाएंगे, जो बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषण प्रदान करेंगे. इस योजना के अंतर्गत, केंद्रों में उपलब्ध भूमि पर पोषण वाटिका बनाई जाएगी. जहां जगह उपलब्ध नहीं है, वहां चिन्हित स्थानों पर यह पहल शुरू की जाएगी.ताजी सब्जियां: स्वास्थ्य और स्नेह दोनों का आधार
वर्तमान में, आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को केवल पैकेट बंद पोषण सामग्री दी जाती है. लेकिन पोषण वाटिका से हर दिन ताजा सब्जियां सीधे बच्चों के भोजन में शामिल की जाएंगी. इससे न केवल बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा, बल्कि केंद्रों के प्रति उनका जुड़ाव भी बढ़ेगा. महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक सुरक्षा विभाग और मनरेगा के सहयोग से इस योजना को साकार किया जाएगा. आंगनबाड़ी सेविकाओं को उद्यान विभाग और कृषि विभाग के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण उन्हें खेती की तकनीकों और वाटिका के संचालन में मदद करेगा.कई फसलों का उत्पादन: सभी मौसमों के लिए पोषण
पोषण वाटिका में नींबू, खीरा, गाजर, धनिया, टमाटर, फूलगोभी, लोकी और करेला जैसे पौधों की खेती की जाएगी. यह सुनिश्चित करेगा कि हर मौसम में बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक आहार मिलता रहे. पोषण वाटिका केवल एक पहल नहीं, बल्कि एक मिशन है. इसका उद्देश्य केवल बच्चों का पोषण सुधारना नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ समाज का निर्माण करना है. यह योजना न केवल शारीरिक विकास में सहायक होगी, बल्कि बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाएगी. प्रखंडवार आंगनबाड़ी केंद्र एवं बच्चे………………. प्रखंड कुल आंगनबाड़ी बच्चों की संख्या बरहेट 251 12,487 पतना 156 7,929 बरहरवा 249 17,425 उधवा 237 15,846 तालझारी 198 7,092 मंडरो 99 4,984 बोरियो 163 7,368 राजमहल 183 12,305 साहिबगंज सदर152 8,370—————————————
क्या कहते हैं अधिकारी
पोषण वाटिका निर्माण को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों की जानकारी ली जा रही है. इसके बाद योजना बहाल की जायेगी. यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है.सतीश चंद्रा, डीडीसी, साहिबगंज
———————————————वाटिका से बच्चों के भविष्य को मिलेगा पोषण का सहाराB
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