हूल के महानायक वीर शहीद सिदो-कान्हू की सादगीपूर्वक मनी जयंती, लॉकडाउन का असर
हूल के महानायक वीर शहीद सिदो-कान्हू की आज जयंती है. सिदो-कान्हू ने आदिवासी तथा गैर आदिवासियों को अंग्रेज व महाजनों के अत्याचार से आजाद कराने में अहम भूमिका निभायी थी. ब्रिटिश हुकूमत की जंजीरों को तार-तार करने का कार्य किया था. 11 अप्रैल को वीर शहीद सिदो-कान्हू की जयंती मनायी जाती है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन और धारा 144 के कारण वीर शहीद सिदो-कान्हू की जयंती सादे रूप में मनायी गयी. सादगीपूर्वक जिला प्रशासन की ओर से डीसी वरुण रंजन, एसपी अमन कुमार सहित अन्य ने बरहेट पंचकठिया स्तिथ शहीद स्थल पहुंचकर विधिवत पूजन कर श्रद्धा सुमन अर्पण किये.
साहिबगंज : हूल के महानायक वीर शहीद सिदो-कान्हू की आज जयंती है. सिदो-कान्हू ने आदिवासी तथा गैर आदिवासियों को अंग्रेज व महाजनों के अत्याचार से आजाद कराने में अहम भूमिका निभायी थी. ब्रिटिश हुकूमत की जंजीरों को तार-तार करने का कार्य किया था. 11 अप्रैल को वीर शहीद सिदो-कान्हू की जयंती मनायी जाती है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन और धारा 144 के कारण वीर शहीद सिदो-कान्हू की जयंती सादे रूप में मनायी गयी. सादगीपूर्वक जिला प्रशासन की ओर से डीसी वरुण रंजन, एसपी अमन कुमार सहित अन्य ने बरहेट पंचकठिया स्तिथ शहीद स्थल पहुंचकर विधिवत पूजन कर श्रद्धा सुमन अर्पण किये.
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वहीं, सिदो-कान्हू की जन्मस्थली बरहेट भोगनाडीह पहुंचकर डीसी श्री रंजन व एसपी श्री कुमार ने भोगनाडीह स्तिथ सिदो-कान्हू पार्क में वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो झानो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये. भोगनाडीह स्तिथ सिदो-कान्हू के वंशजों के घर पहुंचकर सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
शहीद सिदो-कान्हू के वंशजों को वस्त्र देकर सम्मानित किया और खाद्य सामग्री व मास्क भी दिये. भोगनाडीह स्थित क्रांति स्थल के आस-पास के ग्रामीणों से भी हाल चाल जाना और खाद्य सामग्री दिया गया. डीसी श्री रंजन ने ग्रामीणों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने और मास्क लगा कर रहने और कोरोनावायरस से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक किया.
सिदो-कान्हू के वंशजों ने की विधिवत पूजा-अर्चना
हूल के महानायक वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद भैरव, फूलो झानो की प्रतिमा पर शहीद के वंशजों ने विधिवत पूजा की और श्रद्धा सुमन अर्पित किये. पंचकठिया स्तिथ शहीद स्थल में भी वंशजों ने विधिवत पूजा-अर्चना कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये.
11 अप्रैल को जयंती व 30 जून को हूल दिवस पर लगता था मेला
हूल के महानायक वीर शहीद सिदो-कान्हू की जन्मस्थली बरहेट भोगनाडीह में 11 अप्रैल वीर शहीद सिदो-कान्हू की जयंती और 30 जून हूल दिवस पर बरहेट भोगनाडीह में सरकारी कार्यक्रम के अलावे विभिन्न राजनीतिक पार्टियो का कार्यक्रम वृहद पैमाने पर होता है. लाखों आदिवासी समुदाय के लोग वीर शहीद के गांव भोगनाडीह व क्रांति स्थल पंचकठिया पहुंचकर इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं. वहीं, सरकारी कार्यक्रमों में राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री व मंत्री तक आते हैं और शहीद के वंशजों को सम्मानित किया जाता है.
हूल के महानायक के छठे वंशज को अब तक योग्यता के अनुसार नहीं मिली नौकरी
हूल के महानायक वीर शहीद सिदो कान्हू के छठे वंसज मंडल मुर्मू को अब तक उनके योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिली है. सिदो-कान्हू के वंसज में मंडल मुर्मू ही एकमात्र सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हैं. उनकी पढ़ाई आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने रांची में रखकर करायी है. वहीं मंडल मुर्मू कई बार पूर्व सीएम से लेकर मंत्री व एक बार वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन से भी योग्यता के अनुसार नौकरी देने की मांग कर चुके हैं. अभी मंडल मुर्मू व उनके परिजन खेती बाड़ी और पेंशन से अपना गुजर बसर कर रहे हैं.