उचक्कों ने थैला काटकर रेलकर्मी के उड़ाये 20 हजार रुपये
नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाटा रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया की घटना
साहिबगंज. नगर थाना अंतर्गत बाटा रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया से मंगलवार को पैसे निकाल कर ले जा रहे रिटायर रेलवे कर्मी मोहम्मद नईम का थैला में ब्लेड मारकर 20 हजार रुपये निकालने का मामला सामने आया है. इस बात की भनक उन्हें कुछ देर बाद लगी. जब उन्होंने अपना थैला चेक किया तो देखा कि उसमें रखे पैसे गायब थे. वे फौरन बैंक मैनेजर के पास गए. मामले की जानकारी दी. वहीं, सूचना पाकर नगर थाना के एएसआई प्रमोद कुमार दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच और मामले की जांच की. इस घटना को लेकर मजहर टोला निवासी पीड़ित मोहम्मद नईम ने बताया कि वह अपने पेंशन के पैसे को निकालने बैंक आफ इंडिया आये थे. उस थैली को अपनी पत्नी नसीमा खातून के हाथ में दिया इसके बाद वे लोग दोनों बैंक से बाहर जाने के लिए जैसे ही बड़े तो दरवाजे में काफी भीड़ थी. नईम ने बताया कि भीड़ होने के कारण मैं दरवाजे से बाहर हो गया, लेकिन मेरी पत्नी बैंक के अंदर ही फंस गयी थी. फिर जब वो बहार आई तो कुछ ही देर बाद पता चला कि पैसे गायब हो गए. उन्होंने बताया कि मुझे पूरा यकीन का है कि पैसे बैंक के अंदर ही बैंक के दरवाजे पर निकाली गयी. उधर, पैसे चोरी की घटना में मुख्य बात यह सामने आई कि पीड़ित महिला के आगे एक युवक था. पीछे भी एक युवक था. गेट पर जब ज्यादा भीड़ हो गयी तो एक युवक सफेद शर्ट पहने उनके आगे आया और कुछ काम के लिए झुका था. भीड़ ज्यादा थी, महिला देख नहीं पाई कि युवक क्यों झुका था. महिला ने बताया है कि मुझे संदेह है कि झुकते समय ही युवक ने उसके झोले को ब्लेड या किसी अन्य वस्तु से काट कर पैसे निकाल लिये. दूसरा युवक भी उसके साथ था जो उसे घेर हुआ था. उसने टोपी पहन रखी थी. वहीं, नगर थाना की पुलिस बैंक व आसपास में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में जुटी है. इस बाबत थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस मामले की अनुसंधान कर रही है. फिलहाल पीड़ित के तरफ से कोई आवेदन नहीं दिया गया है. उन्होंने बताया दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. बिना काम के बैंक में घुसते हैं कई लोग : बैंक से निकलते के समय पैसे चोरी या झपटमारी की वारदात शहर में कई बार हो चुकी है. इस घटना के बाद लोगों ने कई सवाल उठाए लोगों ने कहा है कि बिना वजह बैंक में आखिर ऐसे लोग क्यों प्रवेश करते हैं. क्यों अनजान लोग से बैंक जाने का कारण भी नहीं पूछा जाता है. आखिर अपराधी किस्म के लोग कैसे बैंक में प्रवेश कर जाते हैं. जबकि उनका बैंक से जुड़ा कोई काम नहीं होता.
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