प्रखंड में एक ही जगह पर 17 साल से जमे हैं एक दर्जन रोजगार सेवक
रोजगार सेवक 2007 में बतौर मनरेगा रोजगार सेवक बहाल हुए थे
तालझारी. प्रखंड में एक दर्जन मनरेगा रोजगार सेवक पिछले 17 साल से कार्यरत हैं. उनका स्थानांतरण न होने से मनरेगा योजना में बिचौलियों का प्रभाव बढ़ गया है, जिसके बिना कोई योजना स्वीकृत नहीं होती. कई पंचायतों में योजनाओं के चयन के लिए आमसभा बिचौलियों के माध्यम से ही होती है. सरकारी सेवा में अधिकतम तीन साल तक एक ही पंचायत या प्रखंड में नियुक्त रहने का प्रावधान है. पिछले डेढ़ दशक में इन रोजगार सेवकों का पंचायत स्तर पर केवल एक-दो बार स्थानांतरण हुआ है. हाल ही में तीन रोजगार सेवक निरंजन ओझा, उदय दास, और विश्वनाथ साह का स्थानांतरण अन्य प्रखंडों से तालझारी प्रखंड मुख्यालय में किया गया है, और उन्हें पंचायत भी आवंटित कर दिए गए हैं. जबकि अन्य 10 रोजगार सेवक 17 साल से यहीं पदस्थ हैं. सभी रोजगार सेवक 2007 में बतौर मनरेगा रोजगार सेवक बहाल हुए थे. आज तक इनका स्थानांतरण किसी अन्य प्रखंड में नहीं हुआ है. वर्तमान में मेरी टुडू को बाकुडी, संतोष कुमार साह को बड़ा दुर्गापुर, रेणुकला को भगियामारी, अरुण कुमार उपाध्याय को भतभंगा संथाली, मनोज कुमार दुबे को वृंदावन, विश्वनाथ साह को कल्याणी, निरंजन ओझा को करणपुरा, उदय दास को मसकलैया, शविणा प्रवीण को मोती झरना, मेरी स्टीला मुर्मू को पोखरिया, प्रिय रंजन दास को सगड़भंगा, पंकज मोहन को सालगाछी संथाली, और रेणुका रजक को तालझारी पंचायत में कार्यरत हैं.
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