बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक आज पहुंचेंगे फॉसिल्स पार्क

पौधों के जीवाश्म के संरक्षण पर दिया जोर

By Prabhat Khabar News Desk | May 12, 2024 5:10 PM

साहिबगंज. भू-विरासत और भू-पर्यटन संवर्धन केंद्र (सीपीजीजी) भारत में भू-वैज्ञानिक, पारिस्थितिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय रूप से महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए लखनऊ में बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान का एक अलग केंद्र है. सीपीजीजी की संयोजक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शिल्पा पांडे, बीएसआइपी के निदेशक प्रोफेसर एम जी ठक्कर और गोंडवाना जीवाश्मों पर काम कर रहे वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सुरेश कुमार पिल्लई साहिबगंज जिले में मंडरो जीवाश्म पार्क का दौरा करने सोमवार को पहुंच रहे हैं. भू-वैज्ञानिक डॉ रंजीत सिंह ने बताया कि तीनों का यात्रा का उद्देश्य बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज, लखनऊ ने पहले झारखंड वन विभाग के तहत मंडरो फॉसिल्स पार्क में 2021 में पौधों के जीवाश्म और जीवाश्म प्रदर्शन के साथ संरक्षण के वैज्ञानिक महत्व में योगदान व सुझाव दिया है. इसलिए यह साइट सुरक्षा और संरक्षण के दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण में से एक है. यात्रा 15 मई 2024 तक चलेगा. निदेशक बीएसआइपी प्रोफेसर एमजी ठक्कर साथ में स्थानीय भू-वैज्ञानिक फील्ड विशेषज्ञ डॉ रणजीत कुमार सिंह भू-विज्ञान विभाग सह प्राचार्य मॉडल कॉलेज राजमहल साहिबगंज और डीएफओ मनीष तिवारी रहेंगे. सोमवार को मंडरो फॉसिल पार्क जायेंगे. 14 मई को डीएफओ मनीष तिवारी के साथ राजमहल पहाड़ी में पाये जाने फॉसिल्स को लेकर यात्रा करेंगे.

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