2025 तक यक्ष्मा मुक्त होगा देश : डॉ भविन

केंद्रीय टीम ने लिया राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम का जायजा सरायकेला-खरसावां जिला में अन्य जिलों की अपेक्षा टीबी मरीजों की संख्या अधिक खरसावां : भारत सरकार व विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने सरायकेला खरसावां जिला में राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चल रहे कार्यों का जायजा लिया. टीम का नेतृत्व कर रहे डब्ल्यूएचओ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2017 4:59 AM

केंद्रीय टीम ने लिया राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम का जायजा

सरायकेला-खरसावां जिला में अन्य जिलों की अपेक्षा टीबी मरीजों की संख्या अधिक
खरसावां : भारत सरकार व विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने सरायकेला खरसावां जिला में राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चल रहे कार्यों का जायजा लिया. टीम का नेतृत्व कर रहे डब्ल्यूएचओ (आरएनटीसीपी, नई दिल्ली) के डॉ भविन वादराह, डॉ निशांत कुमार, झारखंड राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राजकुमार सेव आदि ने कुचाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया. इस दौरान केंद्रीय टीम ने टीबी मरीजों का बेहतर ढंग से उपचार करने का निर्देश दिया. डॉ भविन वादराह ने कहा कि केंद्र सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि वर्ष 2025 तक देश को पूरी तरह से यक्ष्मा से मुक्त करना है.
कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है. डॉ निशांत ने कहा कि टीबी मरीजों के लिए बेहतर ढंग से इलाज की व्यवस्था कर उन्हें रोग मुक्त करना है. पूरे देश में टीबी की नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था है. डॉ राजकुमार सेव ने बताया कि पिछले वर्ष पूरे राज्य में टीबी के करीब 36 हजार रोगी पाये गये.
इसमें अन्य जिलों के मुकाबले सरायकेला-खरसावां जिला में टीबी रोगियों की संख्या काफी अधिक है. जिला में टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है. टीम ने जिला व कुचाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों संग बैठक कर जानकारी ली. मौके पर बीडीओ साइमन मरांडी, डॉ राजीव पाठक, डॉ दिवाकर शर्मा, डॉ जुझार माझी, डॉ विजय कुमार, डॉ शिव चरण हांसदा आदि उपस्थित थे.

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