मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान : एडीसी

जिला स्तरीय स्तनपान पखवाड़ा के तहत कार्यक्रम आयोजित सरायकेला : स्थानीय सामुदायिक भवन में विश्व स्तनपान पखवाड़ा पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में एडीसी कुंज बिहारी पांडेय मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री पांडेय ने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत से भी बढ़ कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2017 8:06 AM

जिला स्तरीय स्तनपान पखवाड़ा के तहत कार्यक्रम आयोजित

सरायकेला : स्थानीय सामुदायिक भवन में विश्व स्तनपान पखवाड़ा पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में एडीसी कुंज बिहारी पांडेय मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री पांडेय ने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत से भी बढ़ कर है. मां द्वारा बच्चे को स्तनपान जहां माता एवं शिशु के बीच भावनात्मक संबंध को मजबूत करता है, वहीं शिशु की अनेक बीमारियों से रक्षा भी करता है. एडीसी ने कहा कि आधुनिक बनने के चक्कर में महिलाएं स्तनपान कराने से कतराती हैं, परंतु माताओं को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए. उन्होंने महिला व बाल विकास परियोजना के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे महिलाओं में जागरुकता आ रही है. उन्होंने बच्चों के खिरसा पान कराने पर जोर देते हुए कहा कि प्रसव के पश्चात निकलने वाले पीले गाढ़े दूध को बच्चों को अवश्य पिलाना चाहिए,
इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. सीएस डॉ एपी सिन्हा ने कहा कि मां का पहला दूध (खिरसा) नवजात शिशु का महत्वपूर्ण पौष्टिक आहार है, जो बच्चों का पहला टीकाकरण है. डॉ सिन्हा ने स्तनपान से महिलाओं को होने वाले फायदे के बारे में भी जानकारी दी. समारोह डॉ केके सहगल,डॉ किरण चोपड़ा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरुचि प्रसाद, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी संगीता स्नेहलता कुजूर ने भी स्तनपान के महत्व पर प्रकाश डाला. मौके पर डॉ जुझार मांझी, प्रदीप कुमार के अलावा कई अन्य लोग उपस्थित थे.
बेबी शो आयोजित, पुरस्कृत हुए स्वस्थ बच्चे : जिला स्तरीय कार्यक्रम में बेबी शो का आयोजन हुआ जिसमें अन्नप्राशन कराते हुए स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ. कार्यक्रम में छह बच्चों का अन्नप्राशन्न कराया गया तथा चयनित आठ स्वस्थ शिशुओं को पुरस्कृत करते हुए नौ माताओं को पोषक थाली दी गयी.
पौष्टिक आहार के लगाये गये स्टॉल
कार्यक्रम में पौष्टिक आहार के स्टॉल लगाये गये जिसमें गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं के खानपान के बारे में जानकारी देते हुए पौष्टिक आहार लेने के लिए जागरूक किया गया.

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