खरसावां : सरायकेला-खरसावां में बिजली संकट 26 मई से गहरा गया है. राजखरसावां ग्रिड में करीब 17 साल पुराना ट्रांसफॉर्मर 132/34 केवी जला जाने के बाद उक्त संकट उत्पन्न हुआ है. कई बार स्थानीय लोगों द्वारा उक्त ट्रांसफॉर्मर को बदलने की मांग करने के बावजूद भी इसे नहीं बदला गया.
हर बार मरम्मत कर काम चलाया जाता रहा. राजखरसावां पावर ग्रिड में ट्रांसफॉर्मर खराब होने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था कर पश्चिम सिंहभूम के केंदपोशी पावर ग्रिड से बिजली की आपूर्ति की जा रही है, जो क्षेत्र के लिए नाकाफी साबित हो रही है. सरायकेला एवं आसपास के क्षेत्र के लिए आवश्यक 12 मेगावाट बिजली की जगह मात्र दो मेगावाट ही मिल रही है.
इससे सरायकेला जिला मुख्यालय में दिन में आठ से 10 घंटा ही बिजली मिल पा रही है. दूसरी ओर खरसावां, कुचाई, आमदा एवं बड़ाबांबो क्षेत्र में दिन में तीन से चार घंटे ही बिजली मिल रही है. यहां आवश्यक 12 मेगावाट के बदले 2 मेगावाट बिजली उपलब्ध करने की तैयारी की गयी थी, परंतु ऐन वक्त पर लाइन व सब ग्रिड में आयी तकनीकी खराबी के कारण आपूर्ति नहीं हो सकी है.
पिछले चार दिनों में खरसावां को आठ घंटे भी बिजली नहीं मिल सकी है. बिजली संकट गहराने के साथ-साथ क्षेत्र में जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. स्थानीय लघु एवं कुटीर उद्योग पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि राजखरसावां पावर ग्रिड में खराब ट्रांसफॉर्मर को दुरुस्त करने का काम जारी है. संभवत: शुक्रवार देर शाम तक बिजली आपूर्ति सामान्य हो पायेगी.