चलते रहे वाहन, बनने से पहले टूटी मानव शृंखला

स्थापना दिवस पखवाड़े के पहले दिन बनानी थी मानव शृंखला गुजरती रहीं बड़ी गाड़ियां, टली दुर्घटना पदाधिकारियों में तालमेल की रही कमी शृंखला में खड़े बच्चों को पानी भी नहीं मिला अव्यवस्था से निराश बच्चे लौटे विद्यालय सरायकेला : राज्य स्थापना दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत पहले दिन जिला मुख्यालय में मानव शृंखला बनाने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2017 5:28 AM

स्थापना दिवस पखवाड़े के पहले दिन बनानी थी मानव शृंखला

गुजरती रहीं बड़ी गाड़ियां, टली दुर्घटना
पदाधिकारियों में तालमेल की रही कमी
शृंखला में खड़े बच्चों को पानी भी नहीं मिला
अव्यवस्था से निराश बच्चे लौटे विद्यालय
सरायकेला : राज्य स्थापना दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत पहले दिन जिला मुख्यालय में मानव शृंखला बनाने का आयोजन हुआ. किन्तु कार्यक्रम से संबंधित अधिकारियों की बेरुखी के कारण मानव शृंखला बनने से पहले ही बिखर गयी.
बुधवार को प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत सामुदायिक भवन से बिरसा मुंडा स्टेडियम तक मानव शृंखला बनायी जानी थी, लेकिन पदाधिकारियों में तालमेल की कमी के कारण यह कार्यक्रम फ्लॉप हो गया. तय कार्यक्रम के अनुसार मानव शृंखला के लिए 9-10 विद्यालयों के बच्चों के साथ पदाधिकारी सामुदायिक भवन में सुबह सात बजे से इंतजार करते रहे. यही नहीं, 8-10 विद्यालयों के बच्चे अनुमंडल चौक व कई विद्यालयों के बच्चे राजबांध मुख्य सड़क पर मानव शृंखला बनाने के लिए खड़े रहे.
संबंधित पदाधिकारियों द्वारा विद्यालयों को कार्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं दिये जाने के कारण ऐसी ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हुई. सामुदायिक भवन में बच्चों का काफी देर तक इंतजार करने के बाद अधिकारियों द्वारा बच्चों को राजबांध लाया गया जहां से मानव शृंखला बननी शुरू हुई, लेकिन राजबांध से लगभग आधा किमी दूर अनुमंडल चौक तक पहुंचते-पहुंचते मानव शृंखला स्वत: समाप्त हो गयी. अनुमंडल चौक पहुंचने से पूर्व ही बच्चे रास्ते में तितर-बितर होकर अपने-अपने स्कूलों की ओर चल दिये.
कार्यक्रम के दौरान चालू था ट्रैफिक, टली दुर्घटना
मानव शृंखला बनाये जाने के दौरान नियमत: ट्रैफिक को बंद कर बड़े वाहनों व ट्रकों की आवाजाही रोकी जानी चाहिए थी, ताकि कोई दुर्घटना न हो. इस दौरान छोटे व निजी वाहनों को भी किनारे से पार कराया जाता है, लेकिन बुधवार को मानव शृंखला बनाने के दौरान भी ट्रैफिक चालू था और शृंखला बनाने के दौरान भी बड़े वाहनों का आना-जाना जारी रहा. इस प्रकार मानव शृंखला बनाने के दौरान बड़े वाहन चलने के बाद भी कोई दुर्घटना नहीं घटना गनीमत माना जा रहा है.

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