मेढ़ से गिरकर हथिनी की मौत
खरसावां : खरसावां के सिदमाकुदर गांव के पास गुरुवार रात एक हथिनी की मौत हो गयी. शुक्रवार सुबह उसका शव खेतों के बीच मिला. महज 15-16 साल उम्र की हथिनी की मौत की वजह का पता नहीं चला है. मेढ़ से गिरकर मौत की आशंका जतायी जा रही है. घटना की जानकारी मिलने के बाद […]
खरसावां : खरसावां के सिदमाकुदर गांव के पास गुरुवार रात एक हथिनी की मौत हो गयी. शुक्रवार सुबह उसका शव खेतों के बीच मिला. महज 15-16 साल उम्र की हथिनी की मौत की वजह का पता नहीं चला है. मेढ़ से गिरकर मौत की आशंका जतायी जा रही है.
घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी तत्काल घटनास्थल पहुंचे.
हथिनी के दोनों दांतों (करीब ढाई सौ ग्राम) को निकाल कर जब्त कर लिया गया. डीएफओ ए एक्का, खरसावां रेंजर केके साह व सरायकेला रेंजर सुरेश प्रसाद की उपस्थिति में खरसावां के पशु चिकित्सक डॉ आनंद कुमार आनंद व सरायकेला के पशु चिकित्सक डॉ नरेंद्र सिंह ने मृत हथिनी का पोस्टमार्टम किया. उसके बाद शव को दफना दिया गया.हथिनी के शरीर पर किसी तरह का घाव या जख्म के निशान नहीं मिले हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत के सही कारणों का पता चल पायेगा. उसके ब्लड सैंपल को जांच के लिए रांची भेजा गया है. 6.10 फीट लंबी हथिनी की उम्र 15-16 साल के आस-पास बतायी जा रही है.
मृत हथिनी की लोगों की पूजा: हथिनी की मौत की खबर सुनने के बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान लोगों ने फूल अगरबत्ती चढ़ाकर उसकी पूजा भी की.
यौन उत्तेजना में छटपटाहट के कारण मौत की आशंका
प्रथम दृष्टया यह कयास लगाया जा रहा है कि यौन क्रिया न होने के कारण छटपटाहट में दौड़ते वक्त खेत की मेढ़ से गिरकर हथिनी की मौत हुई है. खरसावां के वन क्षेत्र पदाधिकारी केके साह ने बताया कि उक्त हथिनी पिछले तीन दिनों से झुंड से अलग विचरण कर रही थी, इस कारण वह यौन क्रिया से वंचित थी. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने भी हथिनी की मौत के पीछे यही संभावना व्यक्त की है.
प्रथम दृष्टया दौड़ने के क्रम में मेढ़ से गिरकर हथिनी के मौत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही सही कारण पता चलेगा. हाथियों की सुरक्षा पर विभाग विशेष ध्यान दे रहा है. वे गांव की ओर अपना रुख न करें इसके लिए जंगल में उन्हें पानी, भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
ए एक्का, वन प्रमंडल पदाधिकारी, सरायकेला-खरसावां