छले गये गुरु, भरोसा के बाद अब भी सिर्फ आश्वासन
19 सूत्री मांगों के लिए सैकड़ों शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, कहा मांगों की तख्ती लिए धरना में शामिल हुए सैकड़ों शिक्षक धरना प्रदर्शन के पश्चात मुख्यमंत्री के नाम डीसी को सौंपा ज्ञापन सरायकेला : अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने व अंतरजिला स्थानांतरण में पांच वर्ष सेवा बाध्यता को समाप्त करने समेत 19 सूत्री मांगों […]
19 सूत्री मांगों के लिए सैकड़ों शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, कहा
मांगों की तख्ती लिए धरना में शामिल हुए सैकड़ों शिक्षक
धरना प्रदर्शन के पश्चात मुख्यमंत्री के नाम डीसी को सौंपा ज्ञापन
सरायकेला : अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने व अंतरजिला स्थानांतरण में पांच वर्ष सेवा बाध्यता को समाप्त करने समेत 19 सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को सरायकेला जिला के सैकड़ों शिक्षकों ने समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले आयोजित इस धरना को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता ने कहा कि शिक्षकों अपने हक के लिए एकजुट हो संघ के बैनर तले आंदोलन करना होगा. श्री दत्ता ने कहा कि चार माह पूर्व आंदोलन के दौरान सरकार ने शिक्षकों की मांगों पर सरकार ने सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया था, बावजूद अब तक किसी तरह की पहल नहीं की गयी.
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. धरना-प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त छवि रंजन को मांग पत्र सौंपा. मौके पर संघ के सलाहकार चंद्रमोहन चौधरी, जिला अध्यक्ष श्रीसिंह बास्के, महासचिव माणिक प्रसाद सिंह, राजेश मिश्रा, सुरेंद्र सिंह, राजेश नायक, शैलेश तिवारी, देवेंद्र नाथ साव, दिनेश कुमार दास, सोमेन दास, राजेश नायक, सजन मिश्रा, मनोज कुमार सिंह, तरणी प्रसाद साहू, चितरंजन महतो, अर्जुन सिंह, सानगी दोंगो, विनोद कुमार, अमीर राउत व शमीम अंसारी समेत कई अन्य उपस्थित थे.
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
7वें वेतनमान पुनरीक्षण के तहत केंद्र के अनुरूप मकान भाड़ा, दिव्यांगता समेत अन्य भत्ता देने
अनुकंपा के आधार पर नियुक्त देने
1982-86 में नियुक्त शिक्षकों को सेवा तिथि से ग्रेड वन का लाभ देने
अंतरजिला स्थानांतरण में पांच वर्ष की सेवा बाध्यता को समाप्त करने
उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों का पद सृजन करने
आश्रितों को अनुकंपा पर शिक्षक के पद पर ही नियुक्ति देने आदि मांगें शामिल है