profilePicture

हाथियों का झुंड पहुंचा जगन्नाथपुर, रतजगा कर रहे ग्रामीण

सरायकेला : इन दिनों जंगली हाथियों के झुंडों ने शाम होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक देना शुरू कर दिया है. हाथियों के भय से लोग रातजगा कर अपनी फसल व जानमाल की रक्षा की कोशिश कर रहे हैं. रविवार रात लगभग साढ़े आठ बजे 20 से 25 जंगली हाथियों के झुंड ने सरायकेला प्रखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2017 5:10 AM

सरायकेला : इन दिनों जंगली हाथियों के झुंडों ने शाम होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक देना शुरू कर दिया है. हाथियों के भय से लोग रातजगा कर अपनी फसल व जानमाल की रक्षा की कोशिश कर रहे हैं. रविवार रात लगभग साढ़े आठ बजे 20 से 25 जंगली हाथियों के झुंड ने सरायकेला प्रखंड के जगन्नाथपुर गावं पहुंचकर खेत की फसलों को तहस-नहस करने लगे. हाथियों की दहाड़ सुन ग्रामीण एकजुट होकर हाथियों को भगाने की कोशिश की, लेकिन इस बीच हाथियों ने कई किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. कई किसानों ने धान की फसल को काटकर खेत में रखा था, जिसे हाथियों ने तितर-बितर कर दिया.

इसके बाद हाथियों का झुंड खरसावां प्रखंड के बाघरायडीह, बड़गावं,पड़ियाबाद,बलरामपुर व सरायकेला प्रखंडों के रेंगूडीह, नारायणडीह, हथिया व दासियाडीह समेत कई गांवों से भटकते हुए जंगलों की ओर चले गए. हाथियों का एक झुंड अहले सुबह तक दासियाडीह गावं के तालाब में थे जिसे देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी.

किसानों ने वन विभाग से जंगली हाथियों से जान माल की रक्षा के लिए गांव में पटाखा व मोबिल वितरण करने व हाथियों द्वारा नष्ट की गयी फसलों के लिए मुआवजा राशि देने की मांग की है.क्षेत्र के इन दर्जनों गावों के ग्रामीण प्रतिदिन हाथियों से जान-माल की रक्षा के लिए रतजगा करने को विवश हैं.

तत्काल राहत के रूप में मिलेंगे 25000 रुपये
हाथी द्वारा व्यक्ति के मारे जाने पर अब तत्काल राहत के रूप में 25000 रु दिये जाएंगे, जबिक पहले दस हजार रु दिये जाते थे. संशोधित दर में अब 25000 रु दिये जाएंगे. उक्त राशि प्रभावित व्यक्ति के परिजन को दी जाएगी.
हाथी द्वारा मारे गये व्यक्ति के परिजन को मुआवजा के रूप में चार लाख दिये जाएंगे, इसके लिए सरकार द्वारा पत्र भेजा गया है.
सुरेश प्रसाद, रेंजर सरायकेला वन प्रमंडल

Next Article

Exit mobile version