तसर के अधिक उपज के लिए वैज्ञानिक विधि से करें खेती, होगा फायदा : डॉ तिर्की

कुचाई के मोटूगोड़ा में बीज अधिनियम पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन खरसावां : सेंट्रल सिल्क बोर्ड की ओर से संचालित बुनियादी बीज प्रगुणन एवं प्रशिक्षण संस्थान (बीएसएमटीसी ) की आेर से कुचाई के मुटूगोड़ा गांव में बीज अधिनियम पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्धाटन संस्थान के प्रभारी वाज्ञानिक डॉ ज्योत्सना तिर्की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2017 5:40 AM

कुचाई के मोटूगोड़ा में बीज अधिनियम पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन

खरसावां : सेंट्रल सिल्क बोर्ड की ओर से संचालित बुनियादी बीज प्रगुणन एवं प्रशिक्षण संस्थान (बीएसएमटीसी ) की आेर से कुचाई के मुटूगोड़ा गांव में बीज अधिनियम पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्धाटन संस्थान के प्रभारी वाज्ञानिक डॉ ज्योत्सना तिर्की ने दीप प्रज्वलित कर किया. डॉ ज्योत्सना तिर्की ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से तसर की खेती कर किसान अधिक आमदानी कर सकते हैं. सिल्क के कारण खरसावां-कुचाई को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गयी है.
इसे ओर अधिक आगे ले जाने की आवश्यकता है. सरकार भी तसर उद्योग को बढ़ावा दे रही है. किसान व बुनकरों को इसमें कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ने की आवश्यकता है. बेहतर खेती के लिए नीत नये तकनीक का इजाद हो रहा है. नये तकनीक से कम लागत पर उन्नत किस्म के तसर उत्पादन किया जा सकता है. मौके पर ग्राम प्रधान डेमका सोय, बीएसएमटीसी के कमलदेव कुमार दास, फकीर हांसदा, गंगाराम बिरुली, मलय मंडल, गुरुचरण किस्कू समेत बड़ी संख्या में तसर किसान, बुनकर समेत तसर उद्योग से जुड़े लोग पहुंचे थे.
बीएसएमटीसी में 5.09 लाख तसर का उत्पादन: बुनियादी बीज प्रगुणन एवं प्रशिक्षण संस्थान, खरसावां (बीएसएमटीसी ) में इस वर्ष 500 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है. इस वर्ष पहले चरण में 12,700, दूसरे चरण में 14,275 डीएफएल का उत्पादन हुआ. इसी तरह पहले फसल में 5,09,750 व दूसरे फसल में 8,56,500 तसर कोसा का उत्पादन हुआ. डॉ तिर्की ने सरकार के बीज अधिनियम के संबंध में किसान व बुनकरों को विस्तार से जानकारी दी. किसानों को उन्नत किस्म की खेती, तसर कीट पालन के दौरान कीटों को नुकसान से बचाने, खरसावां प्रक्षेत्र को विसंक्रमित करने, जीवन सुधा, एलएसएम आदि का उपयोग करने, बीजागार में तसर कोसा की सुरक्षा, तसर कोसा रखने के तरीके, बीजागार का रख-रखाव, तापमान नियंत्रण करने की विधि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी.

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