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पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा करवा रहे हैं ब्रोकली समेत विभिन्न सब्जियों की खेती

बंजर भूमि में कई तरह की सब्जी की खेती कर अर्जुन मुंडा ने किसानों के लिए पेश की मिशाल खरसावां के टिनागोडा (हरिभंजा) में हो रही खेती पूरी तरह से है ऑर्गेनिक शचिंद्र कुमार दाश @ खरसावां पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा राजनीति के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी काफी रूचि रखते हैं. श्री मुंडा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2017 1:49 PM

बंजर भूमि में कई तरह की सब्जी की खेती कर अर्जुन मुंडा ने किसानों के लिए पेश की मिशाल

खरसावां के टिनागोडा (हरिभंजा) में हो रही खेती पूरी तरह से है ऑर्गेनिक

शचिंद्र कुमार दाश @ खरसावां

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा राजनीति के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी काफी रूचि रखते हैं. श्री मुंडा ने अपने खरसावां के टिनागोडा (हरिभंजा) में बंजर भूमि में कई तरह की सब्जी की खेती कर किसानों के लिए एक नया उदहारण पेश किया है. उनके मार्गदर्शन में पहली बार इस क्षेत्र में ब्रोकली की खेती की गयी और जबर्दस्त पैदावार हुई है, जो इस क्षेत्र के किसानों को प्रोत्साहित करनेवाला है.

श्री मुंडा ने अपने खरसावां के टिनागोडा (हरिभंजा) में स्थित खेतों में कई तरह की सब्जी की खेती कर रहे है. यहां हो रही खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक है. रसायनीक खादों का यहां उपयोग नहीं होता है. साधारणतः ब्रोकली की खेती झारखंड में रांची में होती है. लेकिन ,इसकी मांग ज्यादा होने के कारण उत्तर प्रदेश से आयात होता है.

ब्रोकली की बड़े रेस्तरां व होटलों में काफी मांग है. बाजार में इसकी कीमत 150-200 रुपये प्रति किलो के आस पास तक पहुंच जाती है. ब्रोकली की खेती इस क्षेत्र के किसानों को प्रोत्साहित करनेवाला है. इस क्षेत्र में पहली बार बड़े पैमाने पर ब्रोकली की खेती हुई है.

क्या है ब्रोकली?

ब्रोकली खाने के कई न्‍यूट्रिशनल फायदे होते हैं. यह गहरी हरी सब्‍जी, ब्रेसिक्‍का फेमिली की है, जिसमें पत्तागोभी और गोभी भी शामिल होती है. ब्रोकली को पका कर या फिर कच्‍चा भी खाया जा सकता है, लेकिन अगर आप इसे उबाल कर खायेंगे तो आपको ज्‍यादा फायदा होगा.

इस हरी सब्‍जी में लोहा, प्रोटीन, कैल्‍शियम, कार्बोहाइड्रेट, क्रोमियम, विटामिन ए और सी पाया जाता है, जो सब्‍जी को पौष्टिक बनाता है. इसके अलावा इसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्‍सीडेंट भी होता है, जो बीमारी और बॉडी इंफेक्‍शन से लड़ने में सहायक होता है.

अलग किस्म की सब्जी का हो रहा है उत्पादन

यहां मुख्य रूप से ब्रोकली, सीमला मिर्च, फुल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, साग, बैगन, मूली, आलू, धान इत्यादि की खेती हो रही है. पहले ही प्रयास में जबरदस्त सफलता मिली. आगे यहां गौ पालन कर दुग्ध उत्पादन करने की योजना है. अब इस क्षेत्र के खेत सालों भर हरा भरा रहता है.

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