झारखंड : साधुचरण ने कहा, प्रशासन परेशान ना हो, 5 को दूंगा गिरफ्तारी, इधर भू-अर्जन पदाधिकारी को मिल रही धमकी

चांडिल : ईचागढ़ के विधायक साधुचरण महतो ने कहा कि प्रशासन बेकार में परेशान ना हो. मैं पांच मार्च को अपने समर्थकों के साथ गिरफ्तारी दूंगा. उन्होेंने कहा कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के कारण के मैं अभी बाहर हूं. चार मार्च को लौटूंगा और 5 मार्च को अपने समर्थकों के साथ गिरफतारी दूंगा. प्रशासन को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2018 6:37 AM
चांडिल : ईचागढ़ के विधायक साधुचरण महतो ने कहा कि प्रशासन बेकार में परेशान ना हो. मैं पांच मार्च को अपने समर्थकों के साथ गिरफ्तारी दूंगा. उन्होेंने कहा कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के कारण के मैं अभी बाहर हूं. चार मार्च को लौटूंगा और 5 मार्च को अपने समर्थकों के साथ गिरफतारी दूंगा. प्रशासन को मेरी गिरफ्तारी को लेकर ज्यादा चिंता व परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. भ्रष्टाचारी पदाधिकारी के खिलाफ व जनता के हक व अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ता रहूंगा.
चाहे इसके लिए फांसी पर क्यों ना चढ़ना पड़े. विधायक श्री महतो ने कहा कि पुलिस बेवजह मेरे घर में जाकर तंग ना करे. पदाधिकारी दीपू कुमार दोषी है पुलिस उनको भी गिरफ्तार करने का काम करे.
सरायकेला के भू-अर्जन पदाधिकारी को मिल रही है धमकी, उनका स्थानांतरण किया जाये
रांची : झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्य सचिव राजबाला वर्मा से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा. सदस्यों ने उन्हें सरायकेला-खरसावां के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी दीपू कुमार के साथ ईचागढ़ विधायक साधु चरण महतो द्वारा हाथापाई, गाली-गलौज व मारपीट करने की घटना से अवगत कराया. कहा गया कि इस घटना से झासा ने वहां के उपायुक्त व एसपी से भी कार्रवाई की मांग की थी. अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है. वहीं दीपू कुमार को अभी भी धमकी मिल रही है. आशंका है कि उन्हें झूठे मुकदमा में फंसाया जायेगा. उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वह सरायकेला-खरसावां में काम कर सकें. ऐसे में उन्हें तत्काल वहां से स्थानांतरित किया जाये. झासा के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयीं, तो 28 फरवरी को कार्यकारिणी की बैठक की जायेगी. इसमें आंदोलन का फैसला लिया जायेगा.
महासचिव यतींद्र प्रसाद ने कहा कि लातेहार में 20 सूत्री उपाध्यक्ष द्वारा जिला परिवहन पदाधिकारी फिलबियूस बारला के साथ मारपीट की गयी. राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के साथ लगातार घटनाएं हो रही हैं. निर्वाचित प्रतिनिधियों से अफसरों को अपमानित होना पड़ रहा है. उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई के लिए साहस नहीं जुटा पाते हैं. ऐसे में क्या राज्य सरकार अपने पदाधिकारियों को सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकती है? सहनशीलता अपनी अंतिम सीमा पर पहुंच चुकी है. संघ के सदस्य इसके विरुद्ध आवाज बुलंद करने को विवश हैं. ऐसे में अब आंदोलनात्मक कार्रवाई होगी. विधायक पर भादवि की धारा 553 व धारायें लगायी गयी हैं, जो गैरजमानती हैं.
संदीप भगत, एसडीपीओ, चांडिल
क्या हैं झासा की मांगें
विधायक साधुचरण महतो व उनके साथियों को गिरफ्तार किया जाये.
नीमडीह थाना प्रभारी प्रमोद सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए बर्खास्त किया जाये
वहां प्रतिनियुक्त सहायक पुलिस निरीक्षक तथा पुलिस बल को भी निलंबित करते हुए बर्खास्तगी की प्रक्रिया की जाये
दीपू कुमार पर दर्ज मामला वापस लिया जाये व वहां से उनका तबादला किया जाये
लंबित प्रोन्नति दी जाये तथा वरीय पदाधिकारियों को कनीय पदों पर पदस्थापित करने
की अधिसूचना को विलोपित किया जाये.

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