31 तक हो विस्थापितों के मामले पर सुनवाई, नहीं तो आंदोलन
तिरुलडीह : स्वर्णरेखा बहूद्देशीय परियोजना में हुए विस्थापितों को की मांगों को बार-बार नजर अंदाज करते हुए दरकिनार किया जा रहा है. उक्त बातें सरकार द्वारा चयनित विस्थापित प्रतिनिधि राम रतन महतो ने प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने बताया कि विभागीय पत्र में विस्थापितों को नियोजन की अनुशंसा की गयी है, मगर 14 साल बाद […]
तिरुलडीह : स्वर्णरेखा बहूद्देशीय परियोजना में हुए विस्थापितों को की मांगों को बार-बार नजर अंदाज करते हुए दरकिनार किया जा रहा है. उक्त बातें सरकार द्वारा चयनित विस्थापित प्रतिनिधि राम रतन महतो ने प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने बताया कि विभागीय पत्र में विस्थापितों को नियोजन की अनुशंसा की गयी है,
मगर 14 साल बाद एक भी विस्थापित कोई किसी भी प्रकार का नियोजन नहीं दिया गया. नियोजन की मांग को लेकर सरकार के चयनित विस्थापित प्रतिनिधि राम रतन महतो ने झारखंड के मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा. मुख्य सचिव ने 31 मार्च तक कार्रवाई करने की बात उन्हें कही. रामरतन महतो ने कहा कि अगर 31 मार्च 2018 तक कुछ सुनवाई नही होगी तो 1 अप्रैल 2018 से विभागीय कार्यालय में विस्थापितों के संग धरना प्रदर्शन करेंगे.
मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन
नीमडीह. विस्थापितों के प्रतिनिधि रामरतन महतो ने राज्य के मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंप कर सुवर्णरेखा परियोजना के चांडिल बांध के विस्थापितों को राज्य सरकार की नौकरियों में नियोजित किये जाने की मांग की है. श्री महतो ने इस संबध में बताया कि विभागीय पत्र (पत्रांक 3768/ 09.12.2002 व पत्रांक 290 / 17.12.2004 के तहत विस्थापितों को नियोजन की अनुशंसा की गयी है, परंतु साल के बाद भी नियुक्ति नहीं हो पायी है. श्री महतो ने कहा कि 31 मार्च 2018 तक सरकार नियोजन के लिए आवश्यक कार्य नहीं किया तो विभागीय कार्यालय में विस्थापितों के साथ धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.