झारखंड : आदिवासी समाज में कन्या भ्रूण हत्या की नहीं है कोई जगह : द्रौपदी मूर्मू

खरसावां : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने बुधवार को सहयोगी महिला स्वयं सहायता समूह के रजत जयंती समारोह में कहा कि आदिवासी समाज में कन्या भ्रूण हत्या की कहीं कोई जगह नहीं है. लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आप सभी को संघर्ष करना होगा. संघर्ष जीवन का हिस्सा है. सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2018 8:43 PM

खरसावां : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने बुधवार को सहयोगी महिला स्वयं सहायता समूह के रजत जयंती समारोह में कहा कि आदिवासी समाज में कन्या भ्रूण हत्या की कहीं कोई जगह नहीं है. लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आप सभी को संघर्ष करना होगा. संघर्ष जीवन का हिस्सा है. सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई योजनाएं लागू की है.

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उन्होंने यहां महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, लाडली लक्ष्मी योजना, कन्यादान योजना सरकार की ओर से लागू की गयी योजनाओं के उदाहरण हैं. हमारा भी दायित्व बनता है कि हम इन योजनाओं को धरातल पर सुचारू रूप से संचालन करने में सरकार का सहयोग करें.

रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित राज्यपाल मूर्मू ने आदिवासी समाज की महिलाओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि समाज में पसरी कुरीतियों को पीछे छोड़कर महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, जो धन्यवाद के पात्र हैं. कंप्यूटर के इस युग में ऑनलाइन सरकारी योजनाओं को समझना आसान है. महिलाओं से संबंधित तमाम योजनाएं सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है. उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए अपील की कि बालिकाओं को शिक्षा देकर शिक्षित जरूर करें.

उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या का आदिवासी समाज में कहीं जगह नहीं है. बाल विवाह पर रोकथाम के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने अपील की कि आप सभी अपनी बेटी की शादी 18 वर्ष से पहले नही करें और नशा का त्याग करें. नशा आदमी के शरीर और समाज दोनों के लिए नुकसानदायक है. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के महिला समूह से हम पहली बार मिल रहे है, जिन्होंने राज्य में विकास की गाथा लिखने में अपना अमूल्य योगदान दिया है.

सूबे में खेल के प्रति बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यहां के बच्चों में खेल को लेकर काफी जागरूकता है, वे ऊर्जावान है, सभी खेल को पसंद करते है. इतना ही नहीं, वे खेलते भी हैं. बच्चों की रुचि के मद्देनजर सरकार की ओर से उन्हें सुविधाएं भी जा रही हैं. इसका परिणाम है कि अपना नाम रोशन कर रहे हैं. विकास कार्य के लिए सभी महिलाओं को आगे आना होगा. अपने मूल कर्तव्य, अपने मौलिक अधिकार को यह महिला सहायता समूह बखूबी से निभा रही है. रजत जयंती समारोह में राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने समाज मे बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं, स्वर्ण पदक विजेता तीरंदाज गोरा हो की अनुपस्थिति में उनके पिता जी को सम्मान भेंट किया.

इस समारोह में उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि महिलाएं विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. नारी के सम्मान में ही अंतरष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है. महिलाएं सफलतापूर्वक आगे बढ़ते हुए समाज, राज्य एवं राष्ट्र का नाम रोशन कर रही है. सभी क्षेत्रों में महिलाएं सफल हो रही है. उन्होंने बताया कि जिले में 3800 स्वयं सहायता समूह गठित है, जिसमें 3800 महिलाएं शामिल हैं अर्थात जिले में 38000 परिवार विकास के पथ पर सहभागी बनकर आगे बढ़ रहे है. कृषि में भी महिलाएं काफी आगे बढ़ रही हैं.

उन्होंने जानकारी दी कि इस साल कुल 157 महिला समूह को 3 करोड़ 14 लाख का कृषि उपकरण वितरित किया गया है. स्वच्छ भारत अभियान में भी महिला स्वयं सहायता समूह का योगदान अद्वितीय है. विभिन्न बैंको के द्वारा कैश क्रेडिट लिंकेज के द्वारा कुल 1186 महिला समूह को एक लाख रुपये की दर से व्यवसाय के लिए लोन दिया गया है.

300 महिला स्वयं सहायता समूह को जनवितरण प्रणाली का लाइसेंस दिया गया है. नये जनवितरण प्रणाली की दुकान का लाइसेंस महिला स्वयं सहायता समूह को ही दिया जा रहा है. सरायकेला खरसावां की महिलाएं अपने कर्म एवं मेहनत की बल पर धीरे-धीरे अपने को सक्षम बना रही है. मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं. स्वागत भाषण संस्थान के चामी मुर्मू ने किया.

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