राज्य में नौवां स्थान पाने वाले नीरज को रसायन में 12 अंक देकर कर दिया फेल
परीक्षार्थी को मिले थे 55 अंक परीक्षक ने योग में की थी गड़बड़ी झारखंड कंबाइड व पोलिटेक्निक में सफल था नीरज स्क्रूटनी के बाद प्राप्त अंक के आधार पर राज्य में नौवां स्थान सरायकेला : इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा में राज्य में नौवां स्थान प्राप्त करने वाले नीरज दाश को इंटर साइंस की वर्ष 2018 […]
परीक्षार्थी को मिले थे 55 अंक परीक्षक ने योग में की थी गड़बड़ी
झारखंड कंबाइड व पोलिटेक्निक में सफल था नीरज
स्क्रूटनी के बाद प्राप्त अंक के आधार पर राज्य में नौवां स्थान
सरायकेला : इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा में राज्य में नौवां स्थान प्राप्त करने वाले नीरज दाश को इंटर साइंस की वर्ष 2018 की परीक्षा में रसायन में 12 अंक देकर फेल कर दिया . झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा सात जून को जारी रिजल्ट में रसायन में नीरज को थ्योरी में 12 व प्रायोगिक परीक्षा में 29 अंक मिला था.जबकि पास करने के लिए थ्योरी में 33 अंक होना अनिवार्य है. नीरज को सात जून को जारी रिजल्ट में 397 अंक मिला था. नीरज को गणित में 99, भौतिकी में 91, अंग्रेजी में 77, हिंदी में 70 अंक मिले थे. नीरज को झारखंड में इंजीनियरिंग की परीक्षा में 1059 व झारखंड पोलिटेक्निक की परीक्षा में राज्य में 57वां रैंक प्राप्त हुआ है.
इस आधार पर नीरज ने स्पेशल स्क्रूटनी के लिए आवेदन दिया. स्क्रूटनी में जब उसकी उत्तरपुस्तिका देखी गयी को उसे रसायन में 84 अंक मिले . रसायन में 70 अंक की थ्योरी की परीक्षा में उसे 55 अंक मिले थे. अंकों के योग में सुधार के बाद उसे 500 अंकों की परीक्षा में 440 अंक मिला. नीरज काशी साहु कॉलेज सरायकेला से परीक्षा में शामिल हुआ था.
वर्ष 2018 में प्रारंभ में एक दिन में कम से कम 30 व अधिक से अधिक 40 उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन की बात जैक के ओर से कही गयी थी. बाद मूल्यांकन दो शिफ्ट में कर दिया गया. जो परीक्षक पहले दस से चार बजे तक 30 से 40 कॉपी का मूल्यांकन कर रहे थे, इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.
रिजल्ट के बाद तीन दिन तक रोता रहा नीरज
इंटर साइंस का रिजल्ट जारी होने के बाद नीरज तीन दिनों तक रोता रहा. जब तक उसके रिजल्ट में सुधार नहीं हुआ वह ठीक से खाना भी नहीं खाया. नीरज के बड़े भाई सूरज दास ने बताया ठीक से खाना नहीं खाने के कारण उसका तबीयत खराब हो गया. सूरज को मैट्रिक में भी 90.2 फीसदी अंक मिला था. मैट्रिक में सरायकेला-खरसावां जिला में दूसरा स्थान था.
वैसे परीक्षार्थी जो मेडिकल-इंजीनियरिंग परीक्षा में सफल हैं, और अपने अंक से संतुष्ट नहीं हैं तो उनके स्पेशल स्क्रूटनी की व्यवस्था की गयी है. परीक्षार्थियों को स्क्रूटनी के बाद रिजल्ट देने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. परीक्षक मार्क्स फाइल पर अंक लिखने में गलती कर देते हैं. मूल्यांकन में गड़बड़ी करने वाले परीक्षकों पर प्रति वर्ष कार्रवाई भी की जाती है.
डॉ अरविंद प्रसाद सिंह, जैक अध्यक्ष