@ वन, पर्यावरण, जैव विविधता का संरक्षण है पत्थलगड़ी का मुख्य उद्देश्य : सोहल लाल
कुचाई : सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई के भुरकुंडा चौक पर शुक्रवार को पारंपरिक पत्थलगड़ी का स्थापना दिवस मनाया गया. पाहन दिगेंद्र सिंह मुंडा ने पत्थलगड़ी स्थल पर पूजा अर्चना की.मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने जंगल का सामूहिक रूप से संरक्षण करने का संकल्प लिया, ताकि वनोपज के जरीये जीविकापार्जन हो सके. वनाधिकार कानून 2006 के तहत सामुदायिक वन संसाधनों का संरक्षण, प्रबंधन व पुर्नजीवित करना पत्थलगड़ी का मुख्य उद्देश्य बताया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन (जेजेबीए) के कोल्हान प्रभारी सोहल लाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को संतुलित बनाये रखने, जैव विविधता व विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य को लेकर ही पत्थलगड़ी किया जाता है तथा हर वर्ष इसका वर्षगांठ मनाते है.
उन्होंने कहा कि पत्थलगड़ी आदिवासियों की परंपरा है. सोहन लाल ने खूंटी क्षेत्र में हो रही विवादित पत्थलगड़ी से असहमति व्यक्त करते हुए इसके स्वरुप को बदलने पर बल दिया. ग्राम मुंडा भरत सिंह मुंडा, जमुना मुंडा, लाबूराम मुंडा, कैलाश मुंडारी, बाबूराम मुंडा, डूबराय हेंब्रम, सुरसिंह सोय, धर्मेंद्र सिंह मुंडा, सुखराम मुंडा, नरेश मुंडा, सोमाय गागराई, सुखराम हेंब्रम, राजू सामंत, रामलाल सोय, हेमंत मुंडा आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम में आस पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे.