चांडिल : अधिकार के लिए झारखंडियों को दूसरी लड़ाई लड़ने की है जरूरत : शिबू सोरेन
झारखंडी हित के लिए लड़ाई लड़ता रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा : शिबू चांडिल/रांची : शहीद अजीत महतो व धनंजय महतो का 36वां शहादत दिवस रविवार को कुकड़ू प्रखंड के तिरुलडीह चौक में मनाया गया. इस मौके पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, सविता महतो, सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो, लालटु महतो, झारखंड […]
झारखंडी हित के लिए लड़ाई लड़ता रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा : शिबू
चांडिल/रांची : शहीद अजीत महतो व धनंजय महतो का 36वां शहादत दिवस रविवार को कुकड़ू प्रखंड के तिरुलडीह चौक में मनाया गया. इस मौके पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, सविता महतो, सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो, लालटु महतो, झारखंड आंदोलनकारी सुनील महतो, कोल्हान विकास मंच के नेता राजेन सिंह मुंडा, महादेव सिंह आदि ने श्रद्धांजलि दी. सभा को संबोधित करते हुए शिबू सोरेन ने कहा कि बहुत कुर्बानी देने के बाद हमें झारखंड राज्य मिला है.
झारखंड राज्य तो मिल गया, लेकिन झारखंडियों का हक व अधिकार अब तक नहीं मिला है. हमें अपने हक व अधिकार के लिए एक और लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है. इसके लिए चाहे कितना भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े.
श्री सोरेन ने कहा कि झारखंडी हित के लिए लड़ाई लड़ता रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा. उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट लाना झारखंड के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि 36 वर्ष के बाद भी शहीद अजीत व धनंजय पर गोली चलाने वालों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी. हम लगातार गठबंधन के लिए लगे हुए हैं, ताकि सभी विपक्ष साथ मिल कर हक और अधिकार के लिए सत्ता परिवर्तन कर सके, तभी सही मायने में श्रद्धांजलि होगी. पूर्व विधायक अमित महतो ने कहा कि यह शहीदों का भूमि है. अवसरवादी ताकतों को उखाड़ फेंकना होगा. मौके पर झामुमो नेता सुकराम हेम्ब्रम, चारूचांद किस्कू, पप्पू वर्मा, लालटु महतो, शहीद धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी, विनोद पांडे, आस्तिक महतो, काबलु महतो, सुनील महतो, महेंद्र कुमार महतो आदि मौजूद थे.
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने चलायी थी गोली
मालूम हो कि 1982 को क्रांतिकारी छात्र युवा मोर्चा के बैनर तले तत्कालीन ईचागढ़ प्रखंड मुख्यालय तिरुलडीह में सूखा क्षेत्र घोषित करने, झारखंड अलग राज्य का दर्जा देने सहित कई मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोली चला दी थी, जिसमें ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के आदारडीह गांव निवासी एवं चांडिल कॉलेज के छात्र धनंजय महतो व चांडिल प्रखंड के कुरली गांव निवासी सह सिंहभूम कॉलेज चांडिल के छात्र अजीत महतो शहीद हो गये थे. उन शहीदों की याद में हर वर्ष 21 अक्तूबर को चांडिल के चौका चौक, कुकड़ू के तिरुलडीह, सिरुम आदि जगहों पर शहादत दिवस मनाया जाता है.