चांडिल : सरकार बनाने-बचाने नहीं, स्वाभिमान जगाने निकले हैं : सुदेश महतो
– ईचागढ़ विधान सभा के विभिन्न गांवों में निकली सुदेश की स्वराज स्वाभिमान यात्रा शचीन्द्र दाश/हिमांशु गोप चांडिल : स्वराज स्वाभिमान यात्रा लेकर इचागढ़ के नीमडीह पहुंचे आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि वे जहां जा रहे हैं वंचित लोगों की एक ही आवाज सुनायी पड़ रही है. पेंशन, राशन […]
– ईचागढ़ विधान सभा के विभिन्न गांवों में निकली सुदेश की स्वराज स्वाभिमान यात्रा
शचीन्द्र दाश/हिमांशु गोप
चांडिल : स्वराज स्वाभिमान यात्रा लेकर इचागढ़ के नीमडीह पहुंचे आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि वे जहां जा रहे हैं वंचित लोगों की एक ही आवाज सुनायी पड़ रही है. पेंशन, राशन और आवास नहीं मिलता. स्कूल भवन तो है, पर टीचर नहीं. अस्पताल है, तो डॉक्टर और दवा नहीं. गांव और पंचायत की बात सुनी नहीं जाती. मानो लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव हिला कर रख दी गयी है.
श्री महतो ने इचागढ़, निमडीड, कुकड़ू के गांवों में पद यात्रा कर लोगों से सीधा संवाद किया. लुपुंगडीह, जांता, मत्कमडीह, चलियाम, बंधडीह, बामनी, बाड़ेदा, केतुंगा, रघुनाथपुर, हेवेन, झिमड़ी आदी गांवों में चौपाल लगाकर लोगों से सीधी बात की.
गांव के लोगों की बात सुनने के बाद सुदेश महतो ने कहा कि ये पेंशन, राशन और आवास से जुड़ी योजनाएं दशकों पुरानी है. सरकार इन योजनाओं पर अरबों खर्च करती है, लेकिन इसके असली हकदार लाभ पाने से वंचित रहते हैं और जिन्हें लाभ मिल भी गया, तो इसके लिए उन्हें सरकारी तंत्र के पास उन्हें तमाम आरजू मिन्नत करनी होती है.
उन्होंने कहा कि वे सरकार बनाने या बचाने की गरज से गांव-गांव नहीं निकले हैं और ना ही इस काम के लिए मीलों पैदल चल रहे हैं, उनका मकसद झारखंडी विचारों को स्थापित करते हुए आम लोगों का स्वाभिमान जगाना है. अभी की राजनीति में यही हावी है कि योजना के शिलान्यास उद्घाटन या चुनावी सभा के दौरान नेता और जनता आमने-सामने होती या कोई संवाद साझा हो पाता है.
उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहने में तनिक हिचक नहीं कि गांवों में बैठकर आम लोगों की भावना-जरूरत को समझने की नौकरशाही ने कोशिश नहीं की और सरकार भी इसकी अनदेखी करती रही. लेकिन हमारे अभियान का देर सही असर तो होगा और आम आदमी की आवाज भी अब सत्ता सचिवालय तक पहुंचेगी.
कार्यक्रम में डॉ देवशरण भगत, नंदू पटेल, छवी महतो, खेगेन महतो, सत्यनारायण महतो, अनिता पारित, सरजीत मिर्धा, मांझी साव, प्रो रविशंकर, अमृत महतो मुख्य रूप से शामिल थे.