विष्णु पंचक पर रविवार से राय-दामोदर की आराधना करेंगी ओड़िया समुदाय की महिलाएं
– रविवार से पांच दिनों तक पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़ – घरों में रंगोली बनाकर की जायेगी राय-दामोदर की पूजा शचिंद्र कुमार दाश/प्रताप मिश्रा सरायकेला : ओड़िया समुदाय का पवित्र विष्णु पंचक व्रत रविवार से शुरू होगा. ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक माह को सबसे पवित्र माह मानते हैं […]
– रविवार से पांच दिनों तक पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
– घरों में रंगोली बनाकर की जायेगी राय-दामोदर की पूजा
शचिंद्र कुमार दाश/प्रताप मिश्रा
सरायकेला : ओड़िया समुदाय का पवित्र विष्णु पंचक व्रत रविवार से शुरू होगा. ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक माह को सबसे पवित्र माह मानते हैं तथा पांच दिनों तक पंचक व्रत का पालन करते हैं. पंचक पर पांच दिनों तक महिलाएं सुबह जलाशयों में स्नान कर भगवान राय दामोदर की पूजा करती हैं. ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र’ से भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है.
‘हे निलो माधवो, हे माधव हे.. हे राई दामोदर’ का जाप भी किया जाता है. तुलसी मंडप के पास रंग-बिरंगी रंगोली बना कर राय-दामोदर की आराधना की जाती है. दिन भर में एक ही बार सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. अन्न-भोजन को विशेष विधि विधान के साथ तैयार किया जाता है. पंचक पर खाये जाने वाले अन्न को हबिसान्न कहा जाता है. पंचक का समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी व सरोवरों में विशेष स्नान के साथ होता है.
मौके पर कई धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया जाता है. कार्तिक पूर्णिम को सरायकेला-खरसावां के ओड़िया समुदाय के लोग बोईतो बंदणा उत्सव के रूप में मनाते हैं. वईतो वंदना के दिन साल पुरानी उत्कलिय परंपरा के अनुसार केला के पेड़ के छिलके से तैयार किये गये नाव को नदी में छोड़ा गया. नावों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था. ओड़िया समुदाय की वर्षों पुरानी यह परंपरा अब भी चली आ रही है.
ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को सबसे पूर्ण दिन मानते हैं और इस दिन को हर संभव पुण्य कार्य करते हैं. कहा जाता है कि पंचक पर पुण्य कार्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.