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खरसावां : सेंट्रल सिल्क बोर्ड के सचिव सह सीइओ आरआर ओखांडियार ने किया दौरा

– कहा : सिल्क समग्र योजना के तहत सेरिक्लचर सेक्टर को मिल रहा बढ़ावा – 2020 तक सिल्क के क्षेत्र में कार्य करने वालों के आमदमी बढ़ाने पर जोर – सिल्क समग्र योजना पर खर्च होंगे 2123 करोड़ रुपये शचिंद्र कुमार दाश खरसावां : सेंट्रल सिल्क बोर्ड (कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार) के सदस्य सचिव सह […]

– कहा : सिल्क समग्र योजना के तहत सेरिक्लचर सेक्टर को मिल रहा बढ़ावा

– 2020 तक सिल्क के क्षेत्र में कार्य करने वालों के आमदमी बढ़ाने पर जोर

– सिल्क समग्र योजना पर खर्च होंगे 2123 करोड़ रुपये

शचिंद्र कुमार दाश

खरसावां : सेंट्रल सिल्क बोर्ड (कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार) के सदस्य सचिव सह सीइओ आरआर ओखांडियार ने कहा कि भारत सरकार सिल्क उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि सिल्क समग्र योजना के तहत सेरिकल्‍चर सेक्टर को बढ़ावा दिया जा रहा है. वर्ष 2020 तक प्री कोकून व पोष्ट कोकून के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों का इस योजना के तहत आमदानी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.

वर्ष 2020 तक के लिए सिल्क समग्र योजना पर 2123 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. आरआर ओखांडियार खरसावां स्थित सेंट्रल सिल्क बोर्ड के बुनियादी बीज प्रगुणन एवं प्रशिक्षण संस्थान के निरीक्षण के पश्चात प्रभात खबर से बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि खरसावां-कुचाई क्षेत्र में सिर्फ तसर की खेती तक ही सीमीत नहीं रहना है. यहां तसर सुत कताई व कपड़ों की बुनाई शुरू कराने का भी प्रयास करेंगे.

उन्होंने कहा कि जो किसान अपने खेतों में या खेतों के मेढ़ में तसर कोसा की खेती के लिए अर्जुन या आसन का पौधा लगाना चाहते है, उन्हें पौधा उपलब्ध कराया जायेगा. अर्जुन व आसन के पौधे बढ़ने से लोगों की आमदानी 20 से 30 फिसदी तक बढ़ जायेगी. धान की खेती से अधिक मुनाफा तसर की खेती में है. कीटपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ धागा भी बनाया जायेगा. जो महिलाएं घर पर कार्य करना चाहती है, उन्हें घर में कार्य करने के लिए मशीन उपलब्ध कराया जायेगा.

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा तसर किसानों को दिये जा रहे प्रशिक्षण का क्या लाभ मिला? इस पर समीक्षा की जा रही है. इसीके अनुरुप आगे योजना तैयार किया जायेगा. सिल्क को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विभागीय मंत्री भी प्रयासरत है.

तसर को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गयी है तीन योजना : डॉ आलोक सहाय

केंद्रीय तसर रेशम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीटीआरटीआई), रांची के निदेशक डॉ आलोक सहाय ने कहा कि तसर उत्पादन के क्षेत्र में कोल्हान में बेहतर कार्य हो रहे है. सरकार की ओर से तसर किसानों के लिए तीन योजनाएं चलायी जा रही है. महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के तहत महिलाओं को जोड़ा जा रहा है. वन्य कलस्टर प्रमोशन कार्यक्रम के तहत राज्य में 11 कलस्टर बनाया गया है.

इसमें कोल्हान में चार कलस्टर सक्रिय है. आदिवासी उप योजना के तहत आदिवासियों को तसर के कार्य से जोड़ा गया है. इसमें एसटी-एससी को 90 फिसदी तक अनुदान दिया जा रहा है. इन तीनों ही योजनाओं के लिये राशि उपलब्ध करा दी गयी है. महिलायें तसर के अंडा से लेकर तसर कोसा व सुत कताई कर स्वरोजगार कर रही है.

मौके पर मुख्य रूप से केंद्रीय तसर रेशम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीटीआरटीआई), रांची के निर्देशक डॉ आलोक सहाय, सेंट्रल सिल्क बोर्ड कोलकाता के जीके सामंत, तसर वैज्ञानिक डॉ एके बाजपेयी, डॉ के सत्यनारायण, बीएसएमटीसी खरसावां के निर्देशक वैज्ञानिक डॉ ज्योत्सना तिर्की, खरसावां पीपीओ सुनील कुमार शर्मा आदी उपस्थित थे.

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