सचिन्द्र कुमार दाश, खरसावां
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने खरसावां शहीद स्थल के शहीद बेदी पर फूल चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद बेदी पर पारंपरिक रूप से तेल भी डाला. श्रद्धांजलि देने के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि खरसावां का शहीद स्थल अब प्रेरणा स्थल व शक्ति स्थल बन गया है. लोग यहां अपने पूर्वजों को याद कर प्रेरणा लेने के लिए आते हैं.
श्री मुंडा ने कहा कि शहीद स्थल में श्रद्धांजलि देकर जन हित में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. शहीदों की भावना के अनुरूप कार्य करना है. उन्होंने कहा कि शहीद स्थल अब प्रेरणा स्थल बन गया है. जिस उद्देश्य के लिए पूर्वजों ने आहूती दी है, उसे पूरा करना है. शहीद स्थल की पवित्रता बनी रहे, इसके अनुरूप कार्य करना है.
उन्होंने कहा कि परंतु कुछ लोग शहीद स्थल पर भी राजनीति कर रहे हैं. आज श्रद्धांजलि अर्पित करते समय यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हमारे पूर्वजों ने जिस मुद्दे पर अपने प्राणों की आहुती दिया है, उसे पूरा करेंगे. पूर्व सीएम ने कहा कि जो लोग शहीद बेदी पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं, आने देना चाहिए. शहीद स्थल पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह स्थल श्रद्धा व आस्था का केंद्र है.
खरसावां के शहीदों के सम्मान में रन फॉर खरसावां का आयोजन किया गया. खरसावां के हाई स्कूल मैदान से शहीद स्थल तक करीब दो किमी तक दौड़ लगाया. रन फॉर खरसावां में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में भाजपा के नेता दौड़ लगाकर शहीद स्थल तक पहुंचे. इसके बाद श्रद्धांजलि अर्पित की.
श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, विधायक साधुचरण महतो, लक्ष्मण टुडू, जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव, पूर्व विधायक मंगल सोय, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आशोका षाड़ंगी, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सिंहदेव, बड़कुंवर गागराई, गणेश माहली, पुतकर हेम्ब्रम, गणेश माहली, गुलाब सिंह मुंडा, लखी राम मुंडा, रानी हेंब्रम, मंजू बोदरा आदी शामिल थे.
शहीद दिवस पर न हो राजनीति : साधु महतो
ईचागढ़ के विधायक साधु महतो ने खरसावां शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित किया. इसके पश्चात पत्रकारों से बातचीत में साधु महतो ने कहा कि शहीद स्थल श्रद्धा व आस्था का केंद्र है. कुछ लोग इस स्थल पर भी राजनीति कर रहे हैं. इस स्थान पर राजनीतिक बातें नहीं होनी चाहिए. राजनीति करने के लिए साल में 364 दिन बचे हैं.