खरसावां : सरजामदा को हरा देव भाई बना चैंपियन, गागराई और बलमुचू ने किया पुरस्कृत
सचिन्द्र कैमर दाश, सरायकेला : खरसावां विस क्षेत्र के घोड़ालांग में जय मां पार्वती क्लब के तत्वावधान में 58वां फुटबॉल व खेल-कूद प्रतियोगिता सह मेला का आयोजन किया. फुटबॉल प्रतियोगिता के फाइनल मैच में देव भाई क्लब ने सरजामदा, जमशेदपुर को एक गोल से हरा कर विजेता बना. पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के […]
सचिन्द्र कैमर दाश, सरायकेला : खरसावां विस क्षेत्र के घोड़ालांग में जय मां पार्वती क्लब के तत्वावधान में 58वां फुटबॉल व खेल-कूद प्रतियोगिता सह मेला का आयोजन किया. फुटबॉल प्रतियोगिता के फाइनल मैच में देव भाई क्लब ने सरजामदा, जमशेदपुर को एक गोल से हरा कर विजेता बना.
पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे स्थानीय विधायक दशरथ गागराई, पूर्व सांसद प्रदीप बलमुचू, विधायक प्रतिनिधि मांगीलाल महतो, कांग्रेस जिलाध्यक्ष छोटराय किस्कू ने पुरस्कार वितरण किया. विजेता टीम देव भाई क्लब को 12 हजार, उप विजेता सरजामदा को दस हजार रुपया, तीसरे स्थान पर रहे तिलक स्पोटिंग कुचाई व चौथे स्थान पर रहे सरदार स्पोटिंग झुरकुली को पांच-पांच हजार के नगदी इनाम के साथ एक-एक खस्सी दे कर पुरस्कृत किया गया.
इसके इलावे कई बेहतर खेल का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी पुरस्कृत किया गया. मौके पर विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि मेला लोगों को आपस में जोड़ने का कार्य करती है. इस तरह के आयोजन से सामाजिक सदभावना का वातावरण बना रहता है.
गागराई ने कहा कि ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देने के साथ साथ अपनी संस्कृति व परंपरा को बचाने की आवश्यकता है. मौके पर बच्चों के लिये सामान्य ज्ञान, स्पून रेस, सुई-धागा दौड़ समेत विभिन्न खेलों का आयोजन कर सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया.
मौके पर पूर्व मुखिया लक्ष्मी सरदार, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष नरेंद्र महतो, भगत महतो, लाल बाहादुर सिंहदेव, नकुल सरदार, हीरालाल दास, विमल सरदार, संजय प्रधान आदी उपस्थित थे.
टुसू प्रतिमाओं का हुआ प्रदर्शन
घोड़ालांग आयोजित मेला में टुसू प्रतिमाओं की भी प्रदर्शनी लगायी गयी. महिलाओं ने टुसू देवी की प्रतिमाओं के साथ मेला का भ्रमण किया. इस दौरान महिलायें पारंपरिक टुसू गीत गा कर टुसू देवी को याद किया. टुसू प्रतिमाओं को पुरस्कृत भी किया गया.
बुढ़ीगाड़ी व छापल-छापल नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा
घोड़ालांग आयोजित मेला में जनजातिय बुढ़ीगाड़ी नृत्य व संताल समुदाय का छापल-छापल नृत्य आकर्षण का केंद्र बना रहा. छापल-छापल नृत्य में दो दर्जन से अधिक कलाकारों ने मांदर व नगाड़े के थाप पर पारंपरिक नृत्य पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया. मेला में सैकड़ों की संख्या में दर्शक पहुंचे थे.