कांग्रेस ने झारखंड को कहा ‘भीड़ हिंसा का अड्डा’, क्या शक के आधार पर मारे जा रहे हैं मुस्लिम!

रांची/नयी दिल्ली : सरायकेला में भीड़ की पिटाई से एक युवक की मौत के बाद झारखंड को ‘भीड़ हिंसा का अड्डा’ बताया जाने लगा है. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं, तो पार्टी की प्रदेश इकाई ने मृतक की को 25 लाख रुपये का मुआवजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2019 9:41 AM

रांची/नयी दिल्ली : सरायकेला में भीड़ की पिटाई से एक युवक की मौत के बाद झारखंड को ‘भीड़ हिंसा का अड्डा’ बताया जाने लगा है. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं, तो पार्टी की प्रदेश इकाई ने मृतक की को 25 लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी देने की मांग की है.

राज्यसभा में सरायकेला-खरसावां की घटना का उल्लेख करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि झारखंड ‘भीड़ हिंसा का अड्डा’ बन गया है. आजाद ने कहा, ‘दलितों एवं मुस्लिमों की वहां हर हफ्ते हत्या हो रही है. प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी हम ‘सबका साथ सबका विकास’ की लड़ाई में आपके साथ हैं, लेकिन लोगों को यह दिखना चाहिए. हमें यह कहीं नहीं दिख रहा.’

सरायकेला की घटना पर देश भर की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने आक्रोश जाहिर किया है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अंसारी को भाजपा शासित झारखंड में पीट-पीटकर मार डाला गया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘हिंदू भीड़ ने उसे बेरहमी से मारा-पीटा, क्योंकि उसने ‘जय श्रीराम’ बोलने से इन्कार कर दिया था. क्या यह एनडीए-2 का नया भारत है? ये कौन-सा तरीका है सबका विश्वास जीतने का?’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऐसी घटनाएं अब आम हो गयी हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘लिंचिंग के लगभग सभी मामले ऐसे ही होते हैं. पहले एक मुस्लिम की गो प्रेमी हत्या करते हैं. फिर सबसे बेतुका बहाना शुरू होता है : गोमांस रखने का ‘संदेह’,चोरी, तस्करी और लव जिहाद. सबका विश्वास जीतने के लिए इतना किया जा रहा है कि महज ‘शक’ के आधार पर हमें मारा जा रहा है.’

इस बीच, झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि उसने घटना की जांच के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है. ज्ञात हो कि भीड़ की हिंसा का शिकार हुए 24 वर्षीय तबरेज की मौत के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने बताया कि कथित चोरी को लेकर इस युवक के साथ भीड़ ने मारपीट की थी. मारपीट का एक कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ लोग पीड़ित को ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए विवश करते हुए दिख रहे हैं.

पुलिस ने जांच के लिए बनायी एसआइटी

पुलिस ने बताया कि तबरेज अंसारी की मौत के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया है. पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वे खरसावां और सिनी पुलिस थाना के प्रभारी अधिकारी थे. सरायकेला खरसावां के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिक एस ने कहा कि 17 जून को अंसारी और दो अन्य चोरी की मंशा से रात को सरायकेला गांव के एक घर में घुसे. हालांकि, घर में रहने वाले लोग जाग गये और चिल्लाने लगे. इसके बाद गांव वालों ने अंसारी को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की, जबकि उसके साथी फरार हो गये.

तबरेज के पास से मिले थे बेशकीमती सामान

एसपी ने कहा कि अंसारी के पास से कुछ बेशकीमती सामान बरामद हुए, जो उसने और उसके साथियों ने अन्य गांवों से कथित तौर पर चुराये थे. पुलिस सुबह मौके पर पहुंची और गांववालों की शिकायत के आधार पर अंसारी को जेल ले गयी. इससे पहले उसका प्राथमिक उपचार कराया गया. एसपी ने बताया कि हालांकि, जेल में उसी दिन उसकी हालत बिगड़ने पर उसे सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां मालूम हुआ कि उसे बहुत चोटें आयी हैं. अंसारी को बाद में जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल ले जाया गया.

मृतक के परिजनों ने उपलब्ध कराया वीडियो

इससे पहले, पुलिस ने कहा कि अंसारी को रात में एक खंभे से बांधकर लाठियों से पीटा गया. एसपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो पुलिस को अंसारी के परिवार ने उपलब्ध कराया है और इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी पहलुओं को देख रहे हैं. अंसारी के परिवार के सदस्यों ने अपनी शिकायत में कुछ अज्ञात शरारती तत्वों का जिक्र किया है. उसके आधार पर, हम पहले ही पप्पू मंडल समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं.’

गांव में पुलिस की टुकड़ी तैनात

एसपी ने कहा कि स्थति सामान्य है. इसके बावजूद गांव में पुलिस की एक टुकड़ी तैनात कर दी गयी है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने पुलिस पर उसे पहले अस्पताल ले जाने की बजाय जेल ले जाने का आरोप लगाया.

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