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तबरेज अंसारी के गांव पहुंची भाजपा द्वारा गठित टीम, पड़ताल के बाद किया मॉब लिंचिंग की घटना से इनकार

सरायकेलाः तबरेज अंसारी की कथित तौर पर भीड़ हिंसा में हुई मौत के बाद उसके गांव में उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने भाजपा द्वारा गठित टीम गांव पहुंची. टीम ने गांव की महिलाओं संग बैठक करते हुए पुरे घटना क्रम की विस्तार से जानकारी ली. पुर्व प्रदेश सचिव शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में गठीत टीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2019 7:54 AM
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सरायकेलाः तबरेज अंसारी की कथित तौर पर भीड़ हिंसा में हुई मौत के बाद उसके गांव में उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने भाजपा द्वारा गठित टीम गांव पहुंची. टीम ने गांव की महिलाओं संग बैठक करते हुए पुरे घटना क्रम की विस्तार से जानकारी ली. पुर्व प्रदेश सचिव शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में गठीत टीम गांव पहुंची थी. इसके बाद टीम ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के नेतृत्व में डीसी छवि रंजन व एसपी कार्त्तीक एस से मिल कर निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया.

मीडिया से पुर्व प्रदेश सचिव शैलेंद्र सिंह ने कहा कि सरायकेला खरसावां जिले की जनता शांति प्रिय है. दुसरे राज्यों से लोग आ कर जिला के साथ साथ राज्य को भी बदनाम कर रहे हैं. उन्होने डीसी से आग्रह किया कि प्रशासन यह सुनिश्चीत करे कि दुसरे राज्य के लोग इस घटना को लेकर बगैर अनुमति से यहां नही आयें.

कहा कि गांव की महिलाओं ने बताया कि 17 जून की रात तीन युवक चोरी की नियत से कमल महतो के घर में घुसे. शोरशराबे के बाद दो युवक भाग गये जबकि तबरेज अंसारी नामक लड़का पकडा गया था. सूचना के बाद पुलिस गांव पहुंची तो तबरेज को पुलिस के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने उसे जेल भेज दिया. चार दिन बाद उसकी मौत हो गयी. लेकिन कुछ राजनितिक दलों द्वारा इस घटना को सांप्रदायिक रंग देनेका प्रयास किया गया. भाजपा नेता ने निर्दोष ग्रामीणों की गिरफ्तारी बंद करने का आग्रह किया.

भाजपा जिला महामंत्री गणेश महाली ने कहा कि 17 जून को अपने घर से दस किमी दुर रात के डेढ बजे तबरेज धातकीडीह गांव क्यों आया था यह जांच का विषय है. पुलिस इस मामले की जांच करे तभी सच का पता चलेगा . साथ ही कहा कि दोनों युवक जो फरार है वह अभी तक कहां हैं और उसके परिजनों द्वारा अब तक पुलिस से शिकायत क्यों नही किया है.

महाली ने कहा कि जब तबरेज को जेल भेजा गया था तब उसका मेडिकल जांच हुआ था और जेल में भी रूटीन जांच हुआ था. चार दिन बाद मौत हुयी तो उससे मॉब लिचिंग की घटना कह कर ग्रामीणों को जेल भेज देना कहीं से भी जायज नही है. उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष रूप से जांच करने का आग्रह किया है.

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