ईचा डैम का विरोध

तांतनगर/सरायकेला:ईचा-खरकई बांध निर्माण को लेकर डूब क्षेत्र के लोगों से राय जानने पहुंची विधानसभा की तीन सदस्यीय टीम ने प्रभावितों गांव के लोगों से मिलकर उनकी राय जानी. सभी ने एक स्वर से डैम निर्माण का काम बंद करने को कहा. ग्रामीणों का कहना है कि विस्थापितों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2014 1:01 AM

तांतनगर/सरायकेला:ईचा-खरकई बांध निर्माण को लेकर डूब क्षेत्र के लोगों से राय जानने पहुंची विधानसभा की तीन सदस्यीय टीम ने प्रभावितों गांव के लोगों से मिलकर उनकी राय जानी. सभी ने एक स्वर से डैम निर्माण का काम बंद करने को कहा. ग्रामीणों का कहना है कि विस्थापितों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

इसदौरान ग्रामीणों ने टीम के अगुवा उद्योग, आदिवासी कल्याण व परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा, जगन्नाथपुर विधायक गीता कोड़ा तथा सुवर्णरेखा परियोजना के प्रशासक के श्रीनिवासन के समक्ष जमकर विरोध प्रदर्शन किया. टीम ने सदर प्रखंड के सोसोहातु, तांतनगर हाट परिसर तथा राजनगर के नीमडीह व चंदनखीरी गांव में जाकर लोगों से उनकी राय जानी. तीनों जगहों पर डूब क्षेत्र के अलग-अलग गांवों से ग्रामीणों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने ईचा-खरकई बांध का काम रोक देने की पुरजोर मांग रखी. लोगों की राय से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया जायेगा.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ही पिछले 27 सितंबर को टीएसी (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल) यानि जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक में ईचा-खरकई डैम बनने तथा नहीं बनने पर ग्रामीणों से राय लेने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. टीएसी की बैठक में चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा ने डैम से प्रभावित गांवों का जिक्र करते हुए डैम का काम बंद करने की मांग रखी थी. मौके पर पूर्व विधायक निरल पुरती, तांतनगर प्रखंड प्रमुख लक्ष्मी पुरती, मुकेश बिरुवा, छोटा पुरती, उदय बिरुली तथा विभिन्न गांवों के मानकी-मुंडा, पंचायत प्रतिनिधि तथा ग्रामीण आदि उपथित थे.

डैम रद्द करने की होगी सिफारिश

डूब क्षेत्र के लोगों से उनकी राय जान ली गयी है. अब 13 सितंबर को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी जायेगी. डैम बनने से भारी संख्या में लोग विस्थापित होंगे. इस कारण काम हर हाल में रद्द होना चाहिए.
चंपई सोरेन,परिवहन मंत्री

जिस समय डैम के लिए एग्रीमेंट हुआ, उस समय सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि की अनदेखी से हजारों लोगों को विस्थापन के मोड़ पर खड़ा कर दिया गया है. डैम हर हाल में नहीं बनना चाहिए.
दीपक बिरुवा, विधायक चाईबासा

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