दलभंगा में मनाया गया सीएनटी एक्ट की वर्षगांठ

सीएनटी एक्ट आदिवासियों की रक्षा कवच 11 केएसएन 1 : कार्यक्रम में उपस्थित बकास्त खुटकट्टी रक्षा एवं विकास समिति के सदस्यसंवाददाताखरसावां . कुचाई के दलभंगा में बकास्त खुटकट्टी रक्षा एवं विकास समिति की ओर से सीएनटी एक्ट की वर्षगांव मनायी गयी. मौके पर भगवान बिरसा की प्रतिमा के सामने गाड़े गये पत्थर पर माल्यार्पण किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2014 11:03 PM

सीएनटी एक्ट आदिवासियों की रक्षा कवच 11 केएसएन 1 : कार्यक्रम में उपस्थित बकास्त खुटकट्टी रक्षा एवं विकास समिति के सदस्यसंवाददाताखरसावां . कुचाई के दलभंगा में बकास्त खुटकट्टी रक्षा एवं विकास समिति की ओर से सीएनटी एक्ट की वर्षगांव मनायी गयी. मौके पर भगवान बिरसा की प्रतिमा के सामने गाड़े गये पत्थर पर माल्यार्पण किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रुगुडीह मुखिया लखीराम मुंडा ने कहा कि 106 वर्ष पूर्व 11 नवंबर 1908 को सीएनटी एक्ट कानून प्रभाव में आया था. इसी कानून के कारण ही जल,जंगल व जमीन का संरक्षण हो रहा है. समिति के निदेशक सोहन लाल कुम्हार ने कहा कि सीएनटी एक्ट के कारण ही आदिवासियों का अस्तीत्व बचा हुआ है. आदिवासी विस्थापित नहीं हुए है और पलायन काफी हद तक रुका है. समिति के उपाध्यक्ष नोएल नाग ने कहा कि इस कानून को ओर सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है. मान सिंह मुंडा ने फिलहाल सीएनटी एक्ट को यथावत रखने की वकालत करते हुए कहा कि इस कानून में किसी तरह के संशोधन की आवश्यकता नहीं है. गोमियाडीह मुखिया मंगल सिंह मुंडा ने सीएनटी एक्ट को आदिवासियों का रक्षा कवच बताया. मौके पर समिति के अन्य सदस्यों ने भी विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम को मुख्य रुप से उपाध्यक्ष नोएल नाग, सचिव धर्मेंद्र सिंह मुंडा, निदेशक सोहन लाल कुम्हार, लखीराम मुंडा, मंगल सिंह मुंडा, सहदेव सिंह मुंडा, मानसिंह मुंडा, जल सिंह मुंडा, धनंजय सिंह मुंडा, कैमेंट मुंडू, जगमोहन मुुंडा, महेंद्र सिंह मुंडा, अनिल मुंडा, इंद्र मुंडा ने भी संबोधित किया.

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