खरसावां : राजखरसावां ग्रिड से पुन: बिजली आपूर्ति की कवायद तेज कर दी गयी है. नोवामुंडी से 20 एमवीए की क्षमता वाला ट्रांसफॉर्मर गुरुवार को राजखरसावां ग्रिड पहुंचा दिया गया. इसके बाद पुराने ट्रांसफॉर्मर को हटा कर नया ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम शुरू कर दिया गया.
संभावना है कि रविवार देर शाम तक राजखरसावां ग्रिड से बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी जायेगी. ग्रिड से बिजली आपूर्ति शुरू करने के लिए पहले एक दिन तक नये ट्रांसफॉर्मर चार्ज किया जायेगा, इसके पश्चात ही बिजली आपूर्ति होगी. इस प्रक्रिया को पूरा करने में कम सेकम दो दिन का समय लग जायेगा.
राजखरसावां ग्रिड से बिजली आपूर्ति शुरू होने के बाद खरसावां के साथ-साथ सरायकेला, कुचाई, आमदा, बड़ाबांबो, पांड्राशाली समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सामान्य हो जायेगी. उल्लेखनीय है कि आठ मई को ठनका गिरने के बाद राजखरसावां ग्रिड में लगा 20 एमवीए का ट्रांसफॉर्मर जल गया था. इसके पश्चात राजखरसावां पावर ग्रिड से बिजली की आपूर्ति बाधित है.
वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पश्चिमी सिंहभूम के केंदपोसी ग्रिड से खरसावां व आसपास के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति तो की जा रही है, वह भी मात्र दो-तीन घंटे के लिए. फिलहाल बिजली गुल रहने के कारण हर वर्ग के लोगों को परेशान हैं. इधर बिजली गुल रहने के कारण खरसावां में घरेलू जलापूर्ति भी ठप है. जलापूर्ति भी संभवत: रविवार से सामान्य हो सकेगी. बिजली आपूर्ति चरमराने से खास कर सरकारी कार्यालय, गैर सरकारी प्रतिष्ठान, कुटीर उद्योगों को खासा नुकसान हो रहा है.
झाविमो करेगा तालाबंदी
झारखंड विकास मोरचा के केंद्रीय सदस्य कृष्णा गागराई ने कहा कि यदि रविवार से नियमित बिजली आपूर्ति नहीं हुई, तो सोमवार से राजखरसावां ग्रिड में तालाबंदी की जायेगी. उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पिछले दो सफ्ताह से क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चरमार गयी. इससे लिए उन्होंने विभागीय लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया है.
दस दिनों से पेयजलापूति बंद
खरसावां शहरी क्षेत्र में दस दिनों से पेयजल की आपूर्ति बंद है. लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है. राजखरसावां स्थित पावर ग्रिड में आयी खराबी से बिजली आपूर्ति ठप होने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. ग्रिड के ट्रांसफॉर्मर को ठीक करने में दो दिन का और समय लग सकता है. बिजली आपूर्ति होने तक जलापूर्ति के लिए खरसावां के लोगों को इंतजार करना होगा.
चापाकलों पर लग रही भीड़
जलापूर्ति ठप होने के बाद लोगों को पानी के लिए चापाकलों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. चापाकलों पर पानी भरने के लिए सुबह से ही भीड़ जुट जा रही है. शहरी क्षेत्र में गाड़े गये चापाकलों में भी करीब आधे खराब पड़े हैं.