27 तक बिजली आपूर्ति सामान्य होने की संभावना
खरसावां : राजखरसावां पावर ग्रिड से अब तक बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी. वैकल्पिक व्यवस्था कर नोवामुंडी से 20 एमवीए क्षमता का एक ट्रांसफॉर्मर तो लगाया गया है. फिलहाल नये ट्रांसफॉर्मर को लगाने का कार्य चल रहा है. सोमवार शाम तक कार्य को पूरा हो जायेगा. विभागीय सूत्रों के अनुसार अगर युद्ध स्तर […]
खरसावां : राजखरसावां पावर ग्रिड से अब तक बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी. वैकल्पिक व्यवस्था कर नोवामुंडी से 20 एमवीए क्षमता का एक ट्रांसफॉर्मर तो लगाया गया है.
फिलहाल नये ट्रांसफॉर्मर को लगाने का कार्य चल रहा है. सोमवार शाम तक कार्य को पूरा हो जायेगा. विभागीय सूत्रों के अनुसार अगर युद्ध स्तर पर कार्य किया गया, तो भी राजखरसावां ग्रिड से बिजली आपूर्ति सामान्य होने में कम से कम चार से पांच दिन और लगेगा.
27 जून तक बिजली आपूर्ति शुरू होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. बिजली बोर्ड के चेयरमैन एसएन वर्मा ने भी विभाग के अधीक्षण अभियंता को जल्द से जल्द बिजली बहाल करने का सख्त निर्देश दिया है.
एक माह से बिजली संकट
खरसावां व आसपास के क्षेत्रों में पिछले एक माह से बिजली संकट जारी है. 26 मई को ग्रिड का ट्रांसफॉर्मर खराब हुआ, फिर सात दिनों के बाद मरम्मत कर बिजली आपूर्ति शुरू की गयी.
इसके बाद 4 जून को ट्रांसफॉर्मर में फिर खराबी आयी, जिसे 24 घंटा के भीतर मरम्मत कर आपूर्ति शुरू कर दी गयी. फिर आठ जून को ट्रांसफॉर्मर में खराबी आयी, जो अब तक दुरुस्त नहीं हो सकी. आठ जून से ही राजखरसावां ग्रिड से बिजली की आपूर्ति ठप है. राजखरसावां ग्रिड से बिजली आपूर्ति ठप होने के बाद खरसावां, कुचाई, आमदा, बड़ाबांबो क्षेत्र में बिजली आपूर्ति चरमरा गयी है.
ऊंट के मुंह में जीरा
वैकल्पिक तौर पर पश्चिमी सिंहभूम के केंदपोसी से बिजली की आपूर्ति, तो की जा रही है, परंतु नाम मात्र के लिए. खरसावां को मिल रही बिजली ऊंट के मुंह पर जीरा के समान हो रही है. क्षेत्र को अनियमित रूप से 24 घंटे में चार से पांच घंटे ही बिजली मिल रही है.
35 से 40 घंटे तक भी बिजली गुल रह रही है. पिछले 16 दिनों में 384 घंटा के दौरान खरसावां को एक सौ घंटे भी बिजली नहीं मिल सकी है.