अभिजीत स्टील प्लांट अस्थायी तौर पर बंद
खरसावां : अभिजीत स्टील के खरसावां (बुरुडीह) स्थित सभी प्लांट को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है. इस कारण अभिजीत स्टील के सीआइएल, एआइएल, एआइएसएल व सीएमइएस प्लांट में सभी कार्य ठप हो गये हैं. कंपनी की ओर से कहा गया है कि आर्थिक स्थित खराब होने के कारण सभी प्लांट को अस्थायी […]
खरसावां : अभिजीत स्टील के खरसावां (बुरुडीह) स्थित सभी प्लांट को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है. इस कारण अभिजीत स्टील के सीआइएल, एआइएल, एआइएसएल व सीएमइएस प्लांट में सभी कार्य ठप हो गये हैं. कंपनी की ओर से कहा गया है कि आर्थिक स्थित खराब होने के कारण सभी प्लांट को अस्थायी तौर पर बंद किया गया है. दूसरी ओर प्लांट लगाने के लिये कंपनी को जमीन देने वाले रैयतों ने हर हाल में कंपनी को चालू करने की मांग की है.
शुक्रवार को सीएमइएस प्लांट में कार्यरत मजदूरों ने प्लांट परिसर में शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन किया. धरना में वैसे मजदूर शामिल थे, जिन्होंने प्लांट लगाने के लिए कंपनी को जमीन दी थी. मजदूरों ने बताया कि बगैर किसी तरह की पूर्व सूचना के ही कंपनी प्रबंधन की ओर से 19 नवंबर से प्लांट में कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. मजदूरों की उपस्थिति भी नहीं बन रही है. जुलाई माह से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है. लंबे समय से मजदूरों के खाते में पीएफ की राशि जमा नहीं हो रही है. मेडिकल सुविधा नहीं मिल पा रही है.
सीएसआर के तहत कोई कार्य नहीं हो रहे हैं. मजदूरों ने बकाया वेतन का भुगतान करने के साथ-साथ प्लांट चालू करने की मांग की है. प्लांट में काम बंद होने से मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. मजदूरों का कहना है कि प्लांट चलाने व रोजगार के लिए उन्होंने जमीन दी थी. बकाया वेतन नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है, इसलिए शीघ्र वेतन का भुगतान कपनी करे. मजदूरों ने मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में अनशन करने की धमकी दी है.
आर्थिक स्थिति खराब
अभिजीत स्टील के सीइओ आरके सिंह ने कहा कि खरसावां (बुरुडीह) स्थित कंपनी के सभी प्लांट को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कंपनी ने यह कदम उठाया है. स्थिति में सुधार होने के बाद फिर से काम शुरू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि 2012 से कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब है. फरवरी 2013 से प्लांट के अधिकतर विभागों में कार्य बंद है. कंपनी ने स्थानीय मजदूरों को कोयला बेच कर वेतन दिया है. अब कंपनी के पास कुछ भी नहीं बचा है.