मकर संक्रांति पर आज लगेगी आस्था की डूबकी

– मकर संक्रांति पर लोड़ी जलाने की है परंपरा- तिलकूट व गुड़ पीठा खाकर करेंगे दिन की शुरुआत13 केएसएन 4 : प्रतिकात्मकसवांददाता, खरसावां साल के पहले व क्षेत्र के सबसे बड़े त्योहार मकर संक्रांति पर बुधवार को अहले सुबह हजारों लोग विभिन्न जलाशयों पर आस्था की डूबकी लगायेंगे. बुधवार की सुबह मकर संक्रांति का त्योहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2015 7:03 PM

– मकर संक्रांति पर लोड़ी जलाने की है परंपरा- तिलकूट व गुड़ पीठा खाकर करेंगे दिन की शुरुआत13 केएसएन 4 : प्रतिकात्मकसवांददाता, खरसावां साल के पहले व क्षेत्र के सबसे बड़े त्योहार मकर संक्रांति पर बुधवार को अहले सुबह हजारों लोग विभिन्न जलाशयों पर आस्था की डूबकी लगायेंगे. बुधवार की सुबह मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जायेगा. स्नान के पश्चात लोड़ी (स्थानीय भाषा में अघीरा) जलाया जायेगा. लोड़ी जलाने के पश्चात तिलकूट व गुड़ पीठा खा कर बड़े से आर्शीवाद लेने की परंपरा है. इसके पश्चात दान पुण्य कर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जायेगी. मकर संक्रांति को देवताओं का सूर्योदय माना जाता है. यह पर्व असुरी (नकारात्मक) विचार को छोड़ कर दैवी (सकारात्मक) विचार को अपनाने का संदेश देती है. सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है. संक्रांति के लगते ही सूर्य उत्तरायण हो जाते है. सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही दिन बड़े और रात छोटे होते जाते है. दान पुण्य के बाद दिन भर मौज मस्ती से दिन गुजरेगी. मकर को लेकर घरों के सामने भी कई तरह की आकर्षक रंगोली बनाएं गये है. ग्रामीण क्षेत्रों में जनजातीय बहुल गांवों में माघे नृत्य का आयोजन किया जायेगा. महिला व पुरुष कंधे से कंधा मिला कर मांदर के थाप पर पूरे लय के साथ नृत्य करेंगे. मकर के मौके पर खरसावां के गोंदपुर व सरायकेला के साहेबगंज में भी मेला का आयोजन किया जायेगा. मकर से एक दिन पूर्व मंगलवार को बाउंडी का आयोजन किया गया. बाउंडी के मौके पर कई जगहों पर मेला का भी आयोजन किया गया.

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