हाक्यूम से जल भर चले भक्त मुर्गा महादेव के दरबार
आज सावन की पहली सोमवारी, पश्चिमी सिंहभूम जिले के शिवालय सज–धज कर तैयार, बही भक्ति की बयार चाईबासा : श्रावन माह के प्रथम सोमवारी को लेकर शहर के विभिन्न शिवालय सज धज कर तैयार हो गये हैं. भारी भीड़ की आशंका के मद्देनजर मंदिर प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गयी है. शिवालय मंदिरत्नजुबली तलाब […]
आज सावन की पहली सोमवारी, पश्चिमी सिंहभूम जिले के शिवालय सज–धज कर तैयार, बही भक्ति की बयार
चाईबासा : श्रावन माह के प्रथम सोमवारी को लेकर शहर के विभिन्न शिवालय सज धज कर तैयार हो गये हैं. भारी भीड़ की आशंका के मद्देनजर मंदिर प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गयी है.
शिवालय मंदिरत्नजुबली तलाब के पास स्थित शिवालय मंदिर शहर के पुराने मंदिरों में एक है. यहां श्रावन माह में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.
इसके अलावा इस मंदिर का विशेष महत्व शहर में है. शिवरात्री के दिन शिव जी की बरात झांकी के रूप में शहर में निकाली जाती है. जुबली तालाब व शिवालय तालाब के अलावा आसपास स्थिति घने वृक्षों के कारण यहां का वातावरण मनोरम व भक्तिमय दोनों है.
करनी मंदिरत्नरोरो नदी के किनारे स्थापित करनी मंदिर सौ साल से भी पुरानी है. यहां पर तीन दशक पूर्व स्थापित शिव मंदिर की महिमा अलग है. श्रावन में यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. घंटे करतालों के ध्वनी के बीच भक्तों को शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिये विशेष व्यवस्था की गयी है. मंदिर परिसर का मनोरम दृश्य भक्तों को आकर्षित करता है.
खाखी मंदिरत्नधोबी तालाब के पास स्थित खाखी मंदिर भी शहर का काफी पुराना मंदिर है. श्रावन के महिने में भक्तों की भारी भीड़ यहां जुटने के कारण मंदिर प्रशासन की ओर से पूजा अर्चना के लिये व्यवस्था व्यवस्था की जाती है. यह मंदिर भी अपने मनोरम दृश्य के लिये जाना जाता है.
श्मशान घाट शिव मंदिर : अपनी एक पहचान के लिये श्मशान घाट शिव मंदिर जाना जाता है. रोरो नदी के किनारे स्थापित इस मंदिर में सालों भर भक्तों का तांता लगा रहा है. यहां शिव मंदिर व बगल में स्थापित काली मंदिर को लोग शक्तिपीठ के रूप में भी मानते हैं.
अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां भंडारे का आयोजन किया जाता है. भक्तों द्वारा खिचड़ी भोग का आयोजन किया जाता है.
सिद्धेश्वर मंदिरत्नशहर के नीमडीह स्थित सिद्धेश्वर मंदिर की अपनी एक अलग पहचान है. यह क्षेत्र अब मंदिर के नाम से अधिक जाने जाने लगा है. भक्त का हाथों में जल लिये जमावड़ा इतना ज्यादा होता है कि कतार में लगे लोगों को घंटों पूजा करने के लिए बारी का इंतजार करना पड़ता है.