महिलाओं को नौकरी में मिले आरक्षण

चक्रधरपुर : भारत भवन मैदान में सृजन महिला विकास मंच के तत्वावधान में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष अनिता सुंबरूई ने दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर समारोह को संबोधित करते मुख्य अतिथि ने सरकार से लिंग आधारित हिंसा एवं तस्करी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 3:54 AM
चक्रधरपुर : भारत भवन मैदान में सृजन महिला विकास मंच के तत्वावधान में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष अनिता सुंबरूई ने दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर समारोह को संबोधित करते मुख्य अतिथि ने सरकार से लिंग आधारित हिंसा एवं तस्करी समाप्त करने मांग की.
विशिष्ट अतिथि चाईबासा नगर पर्षद की अध्यक्ष गीता बलमुचु ने कहा कि भ्रूण हत्या को जड़ से मिटाने के लिए सभी महिला एकजुट हो कर संकल्प लेना होगा, तभी इसे जड़ से समाप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को नौकरी में आरक्षण मिलनी चाहिए.
चक्रधरपुर नगर पर्षद अध्यक्ष रोशनी टोप्पो ने कहा कि सरकार को प्रत्येक गांव में कुटीर उद्योग की व्यवस्था कर पलायन करने वाली नाबालिग युवतियों को रोजगार से जोड़ना होगा, तभी समाज का विकास हो सकेगा.
समारोह में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नीतू साव, श्रम विभाग खूंटी के सदस्य सिस्टर जेमा, सृजन महिला विकास मंच की सचिव नरगिस खातून, आली संस्था के समन्वयक रेशमा सिंह,वार्ड पार्षद एस पुष्पलता, जेनिफर जबीं, रितु मुखी आदि महिलाएं उपस्थित थी. इससे पूर्व समारोह में उपस्थित महिलाओं ने एक मंच पर हो कर आवाज दो हम एक हैं का नारा लगाया. समारोह के पूर्व सभी महिलाओं ने एकजुट हो कर रैली निकाली. रैली भारत भवन परिसर से निकल कर रेलवे फाटक, गुरूद्वारा, पवन चौक, शहीद भगत सिंह चौक, पुरानी रांची रोड, बाटा रोड होते हुए पुन: कार्यक्रम स्थल पहुंची. रैली के दौरान महिलाएं हाथों में तख्ती लेकर महिलाओं पर हो रही अत्याचार को रोकने के लिए जोर-शोर से नारे बाजी भी की.
लिंग आधारित हिंसा व तस्करी को रोकने के लिए उठी मांग
समारोह में महिलाओं ने लिंग आधारित हिंसा एवं तस्करी को जड़ से मिटाने की मांग की. जिसमें महिला मामलों में पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सकों के दायित्व को संवेदनशील करने, श्रम विभाग का प्रभावशाली हस्तक्षेप सुनिश्चित करने, पुलिस टॉल फ्री नंबर को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने, पुलिस गस्ती नियमित करने, समय पर प्राथमिकी दर्ज करने, गुमशुदा एवं तस्करी के आंकड़ों को सरल करने, विभागीय प्रक्रियाओं को सरल व सुदृढ़ करने, बालिका सुधार गृह को अलग स्थापना करने, पुनर्वास गृह का स्थापना करने, प्रभावशाली उपयोग एवं दायित्व का क्रियान्वयन करने आदि मांग शामिल है.

Next Article

Exit mobile version