सरायकेला : बुधवार को धार्मिक नगरी सरायकेला–खरसावां में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जायेगा. इस वर्ष की जन्माष्टमी की विशेषता यह है कि इस वर्ष जन्माष्टमी में तिथि, वार, नक्षत्र व ग्रहों का मेल बिल्कुल वैसा ही है, जैसा कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जन्म के वक्त था.
पंडित रामापति राम मिश्र के अनुसार इस वर्ष जन्माष्टमी की लाभकारी व फलदायी है. पंडित मिश्र के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ लगA के चंद्रमा की मध्य रात्रि में हुआ था.
इस वर्ष भी जन्माष्टमी द्वापर जैसे संयोग में मनेगा. 28 अगस्त बुधवार को अष्टमी तिथि पूरे दिन व रात को रहेगी. दोपहर 12.50 से रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जायेगा और चंद्रमा वृषभ में रहेगा. पंडित मिश्र के अनुसार ऐसा शुभ संयोग कम ही समय देखने को मिलती है, जो सौभाग्य की बात है.
जगन्नाथपुर में लगेगा मेला
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जगन्नाथपुर के रंगाटांड़ मैदान में सात दिवसीय मेला का आयोजन किया जायेगा. गौड़ समाज द्वारा आयोजित होने वाले यह धार्मिक अनुष्ठान 28 अगस्त से चार सितंबर तक चलेगा. मौके पर भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न रूपों को प्रतिमा के माध्यम से दर्शाया जायेगा.
साथ ही उनकी लीलाओं का मंचन किया जायेगा. इस मौके पर सात दिनों तक मेला का आयोजन होगा, जिसमें आसमानी झूला, हवाइ झूला, मनिहरी दुकान के साथ–साथ लजीज व्यंजन की दुकानें लगेंगी. श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव की तैयारी अंतिम चरण पर है. पंडाल बनाने का कार्य अंतिम चरण पर है. उल्लेखनीय है कि यहां 2007 से गौड़ समाज की ओर से देवसभा का आयोजन होता आ रहा है.