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श्रीकलापीठ का आखड़ा माड़ा अनुष्ठान हुआ
सरायकेला/खरसावां : श्रीकला पीठ के तत्वावधान में गुरुवार को देर रात आखड़ा माड़ा अनुष्ठान के साथ सरायकेला राजमहल में चैत्र पर्व छऊ उत्सव का आगाज हो गया. छऊ नृत्य के लिए बनाये गये आखड़ा में विधिवत नृत्य के सृजनकर्ता भगवान नटराज की पूजा- अर्चना की गयी. इसके पश्चात छऊ के नये कलाकारों को प्रशिक्षण देने […]
सरायकेला/खरसावां : श्रीकला पीठ के तत्वावधान में गुरुवार को देर रात आखड़ा माड़ा अनुष्ठान के साथ सरायकेला राजमहल में चैत्र पर्व छऊ उत्सव का आगाज हो गया. छऊ नृत्य के लिए बनाये गये आखड़ा में विधिवत नृत्य के सृजनकर्ता भगवान नटराज की पूजा- अर्चना की गयी.
इसके पश्चात छऊ के नये कलाकारों को प्रशिक्षण देने के लिए आखाड़ा में उतार कर परिखंडा नृत्य कराया गया. छऊ नृत्य से दो दिन पूर्व पारंपरिक आखड़ा माड़ा रस्म को पूरा किया जाता है. आखड़ा माडा का उदघाटन खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि छऊ सिर्फ एक नृत्य नहीं बल्कि हमारी संस्कृति है और यहां की संस्कृति ही हमारी पहचान है.
उन्होंने कहा कि मार्गी परंपरा पर आधारित इस नृत्य ने जिला का नाम सात समंदर पार देशों में भी रोशन किया है. श्री गागराई ने कहा कि श्रीकलापीठ इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के कार्य में जुटी हुई है. श्रीकलापीठ के अध्यक्ष राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव ने कहा कि पूर्वजों द्वारा शुरू की गई परंपरा का निर्वाह आज भी राज परिवार के सदस्य पूरी निष्ठा के साथ करते आ रहे है. श्रीकलापीठ की संरक्षक रानी अरुणिमा सिंहदेव ने बताया कि 10 अप्रैल को छऊ नृत्य पर चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा.
11 से 13 अप्रैल तक रात आठ बजे से ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न छऊ नृत्य दलों के साथ-साथ श्रीकलापीठ के छऊ कलाकार भी नृत्य प्रदर्शित करेंगे. चैत्र पर्व में इस बार ग्रामीण क्षेत्र के 22 छऊ नृत्य दलों में प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा. इसके अलावा खरसावां व मानभूम शैली के छऊ नृत्य का भी प्रदर्शन किया जायेगा. जनजातिय फिरकाल नृत्य का भी प्रदर्शन होगा.
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